तुमको तलाशते रहे तुम ना मिले मुझे
हरदम रहेंगे जान लो कुछ तो गिले मुझे
सब कुछ लुटा दिया फकत इक बोल पे तेरे
मिल जाते काश इसके एवज कुछ तो सिले मुझे
इक प्यार तेरा गर यहां मुझको नसीब हो
मिट्टी लगेंगे जान लो ये सब किले मुझे
है फूल का सा मन मेरा फिर भी उदास हूं
मुद्दत हुई है देख लो कितनी खिले मुझे
मधुकर ने कौल दे दिया एक बार जब सुनो
दिखते हैं खुद के लब यहां हरदम सिले मुझे