कौन कहता है कि तुम्हे हम अब याद नहीं करते
मुहब्बत के ये हँसी एहसास जीवन भर नहीं मरते
माना के कई मज़बूरियाँ हैं हम दोनों के दरम्यान
कैसे कहोगे ख़ुदाया कि तुम हमें इश्क़ नहीं करते.
अपनी सूरत को आईने में ज़रा देखो तो ध्यान से
और इस दिल पर हाथ रख कर कह दो ईमान से
तेरे जलवों की रौनकों में मेरा कोई भी असर नहीं
तेज़ आँधियों में गिरे पेड़ बिना बारिश ना निखरते
हर शख्स ने छोड़ा था जब यहाँ पर साथ तुम्हारा
तुमने ही तो आकर पकड़ा था तब ये हाथ हमारा
कितने जतन से हमने इस प्यासी धरती को सींचा
गुलों को तोड़ने वाले मगर कभी चिंता नहीं करते .
किसी को चाह के भुलाना कभी आसाँ नहीं होता
गम और ख़ुशी में कोई यहाँ बिन आंसू नहीं रोता
मधुकर हमें उम्मीद हैं कि वो दिन फिर से आएगें
जब तुम ही कहोगे तन्हा मेरे बिन पल ना गुजरते.
शिशिर "मधुकर"