मैं तो तेरी दीवानी हूँ तू भी मेरा दीवाना हैं
हर हाल में हमको तो ये रिश्ता निभाना है
तलाशा उम्र भर जिसको उसे मैं छोड़ दूँ कैसे
मुहब्बत से भरा ए मीत तू ऐसा खजाना है
सुकूँ मिलता है मेरी रूह को जो गुनगुनाने से
ओ मेरे साथियां तू ही तो वो मीठा तराना है
मुझे एहसास है देखो नहीं अब दूर तू मुझसे
तभी तो बन गया ये आलम ए मौसम सुहाना है
चले आओ तुम्हारे साथ में मधुकर मैं बैठुंगी
हाल ए दिल प्रीत में अब मुझे तुमको सुनाना है