मुहब्बत, तूने दी मुझको, तभी मैं, हो गया तेरा
तू आई, मेरी बाहों में, मिटा है, कुछ तो अँधेरा
जब से, सूरज हुआ मद्धिम, बशर देखा, नहीं कोई
मगर, उम्मीद थी दिल में, कभी फिर होगा, सवेरा
बहारें, जब भी आती हैं, शाख पे पात, उगते हैं
चहकते, पंछियों का, फिर वहाँ, होता है बसेरा
दिल की, दुनिया में मैंने, अब तलक बस, हार देखी है
मिला मुझको, यहाँ पे जो, वो था शातिर सा लुटेरा
लाख, कोशिश करी मैंने, ना तुझसे वास्ता, रक्खूं
मगर, इस चाँद ने, छोड़ा ना मधुकर, धरती का फेरा