किसी के मन से जब तुम्हारा भय निकल जाए तो स्नेह होता हैं
कोई जब तुम्हारी गलतियों पर ना तिलमिलाए तो स्नेह होता हैं
किसी से बेबाक हो कर कुछ भी जो कह पाएं तो स्नेह होता हैं
किसी की मुश्किलों में हमेशा साथ को निभाए तो स्नेह होता हैं
किसी से मिलने में बिल्कुल भी ना हिचकिचाए तो स्नेह होता हैं
किसी का चेहरा देख उसकी पीड़ा समझ जाए तो स्नेह होता हैं
किसी की सदा उन्नति, स्वास्थ्य और भला चाहे तो स्नेह होता हैं
किसी से कुछ भी अपना हम जो छुपा ना पाए तो स्नेह होता हैं
कोई अपनी कमियों पर भी जब हंसकर इतराए तो स्नेह होता हैं
किसी को अपना सब कुछ दे देने का मन चाहे तो स्नेह होता हैं
किसी को देख जब आँखो से आँसू थम ना पाए तो स्नेह होता हैं
किसी को पूछने पर सदा सही रास्ता हम बताए तो स्नेह होता हैं
कोई जब हमारी यादों का हिस्सा बनता जाए तो स्नेह होता है
कोई क्यों अच्छा लगता हैं जब ये ना बता पाए तो स्नेह होता हैं
शिशिर मधुकर