तेरे मेरे बीच ना अब कोई दीवार है
जानेमन तू जान ले ये ही तो प्यार है
चढ़ गया एक बार तो उतरेगा ही नहीं
इस इश्क में होता सदा ऐसा खुमार है
तू पास है मुझको पता चल ही जाएगा
खुशबू भरी आती अगर कोई बयार है
तू मुस्कुरा रही है गर तन्हाई में कहीं
फूलों में दिख जाती मुझको बहार है
जो सुख मुझे तेरे क़रीब आने से मिले
मधुकर की जां तुझपे हरदम निसार है