जब तलक हाथ ये हाथों में तुम्हारा ना था
तेरे नाम का चर्चा भी हमको गँवारा ना था
तुझसे मिलने के बाद ही तो एहसास हुआ
बेवजह हमने अपने दश्त को सँवारा ना था
शिशिर मधुकर
6 जुलाई 2016
जब तलक हाथ ये हाथों में तुम्हारा ना था
तेरे नाम का चर्चा भी हमको गँवारा ना था
तुझसे मिलने के बाद ही तो एहसास हुआ
बेवजह हमने अपने दश्त को सँवारा ना था
शिशिर मधुकर
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विज्ञानं का छात्र होने के बावजूद मेरे लिए हिंदी कविता के माध्यम से मन के उद्गारों को व्यक्त करना सबसे बड़ा सुकून प्रदान करने वाला है. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से वर्ष 1997 में भौतिकी में पी. एच . डी . करने के उपरान्त मैं विगत 18 वर्षों से विज्ञान एवम प्रोद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के अंतर्गत प्रोद्योगिकी सूचना, पूर्वानुमान एवुम मूल्यांकन परिषद (टाईफैक ), नै दिल्ली में वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर कार्यरत हूँ .
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