सुन ले मैं, थक चुका हूँ, तेरे इंतज़ार में
दूरी ये अच्छी नहीं, इतनी भी, प्यार में
दुश्वारियां कबूल थी, जब साथ में, चले
खामोशी मगर, थी नहीं, अपने करार में
मुझको, ख़बर हुई नहीं, तेरे मिजाज की
लेकिन, कमी ना है कोई, मेरे खुमार में
जब से गए हो, तुम वहाँ, देता रहा सदा
क्या तुमको, दर्द ना दिखा, मेरी पुकार में
सहरा में, यूँ तो गुल यहाँ, महके हैं आज भी
मधुकर मगर, ना है मज़ा, तुझ बिन बहार में