तमन्ना कब हुईं तुमको, मेरे नज़दीक आने की
मुझे बाहों में भर के सांसों में, मेरी समाने की
मैं जिसमें घिर गया ऐसे, जो सारा होश खो बैठा
कहानी कुछ तो बतलाओ, मुझे अपने फसाने की
छोड़ दो तुम सभी चिंता, भगा दो दूर हर डर को
कसम मैंने तो खा ली है, तुमसे रिश्ता निभाने की
मुहब्बत कोई भी कर ले, मगर ये सच ना बदलेगा
हुस्न ने ना कभी छॊडी, अदा अपनी सताने की
वक्त चलता ही रहता है, कभी रुकता नहीं मधुकर
इतनी परवाह करो ना तुम, मुहब्बत में ज़माने की