ये रिश्ते जीवन के मोह-मोह के धागे
बंधन जो दिल से बनते प्यार में पागे।
माता-पिता की गोदी से होती पहचान,
बेटे-बेटियों संग बीतता है सफर महान
बड़ा अद्भुत अनुभव होता इन रिश्तों का
खुशियों का ये संगम होता है किश्तों का
साथ हों तो हर मुश्किल आसान होती
ये रिश्ते,हर ग़म को खुशी में बदल देते ।
ये रिश्ते ,प्यार व विश्वास जल से पनपते
रिश्ते,अगर कभी हो दूर,यादों से सहेजते
ये रिश्ते दोस्ती,प्यार, परिवार का मान,
जीवन की खुशी हो या गम बनते सम्मान
स्वरचित डा.विजय लक्ष्मी