26 नवम्बर 2024
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ये कच्चे धागे ही नहीं, स्नेह का अटूट बन्धन हैं।प्रेम के इस धागे से पल मे होता हार्दिक गठबन्धन है ।कच्चे धागों से हुमायूं को कर्मवती,बना भाई आई थी ।फिर आजीवन उसने भी, रक्षा कवच जो पाई थी ।तोड़े स
मत रो बहन सुभद्रे ,पावस सम अवनी मन भीग रहा ,जीवन विषाद से जर्जित प्राण तन को ही अब भेद रहा ।उत्तरा को दो जीवनदान श्रांत क्लांत सी थकित मानिनी,हर्ष विषाद दो पहलू हैं नश्वर जीवन के ये परम भामिनी ।दूरागत
चली आ रही है सदियों से अस्तित्व की लड़ाई। कभी मारा-पीटा तो कभी अपने हाथों से जलाई।कभी देवी बना कर पूजा तो कभी डायन बनाई ।निज स्वार्थ में हर बार नारी ही शूली पर चढाई ।मेरा अस्तित्व मेरे स्वाभिमान
जब पुरानी दुनिया के किस्से,नए जीवन के बनते हिस्से ।एक दरार की ओर बढ़ते हैं,धीरे से जेनरेशन गैप गढ़ते हैं।दादी-नानी से सुने कुछ कहने,उनके जीवन के सफर सुहाने।हमारे नवजवान दिलों में बसा,आधुनिक ख्याल दृग
जीवन एक परीक्षा है,पास होने की इच्छा है।संघर्षपूर्ण राह में चल,हर कदम पर हलचल।हर दिन नयी चुनौती,हर क्षण एक मनौती।सफलता की राह पर,हम यात्री एक सफर।स्वप्न उड़ान सजाकर,अपनी मंजिल पाकर। समर्पण और श्र
मातृत्व अतुल्य है मां कौशल्या को भी इसी की आकांक्षा है ।कीजै शिशु लीला अति प्रियशीलायह सुख परम अनूपा।भाव दर्शनीय अनुपम है 🌺🌺🌺🌺🌺मातृत्व भाव शब्दों से अकथनीय है, अर्थ ऐसा अपरिमित अकल्पनीय है।
गुड न्यूज लाती हैं खुशियाँ ,जीवन रंगों में कामयाबियां,शुभ समाचार का नाम देतीं,कर हिन्दी पे मेहरबानियां ।सुन कर समाचार, तन-मन हो जाता है बाग-बाग,आत्मा में बसतीं है चहुं ओर से खुशियां भाग-भाग ।दरिया में
दुनिया में देखे हैं यों रंग हजार,प्यार का रंग बस देखा है प्यार।दिल में छाये जो बन के बहार,महक से सज्जित गायें मल्हार।अपनों से मिल रंग नया है होता,दर्द और खुशी रंग ही प्यार होता। सच्चा प्यार एक जा
अफवाह की छाया से रहें दूर ,जीवन बगीचे को करें गुलेनूर।गुमराहियों की राह से दूर चलें,सच्चाई के पथ से न हम हिलें।अफवाहों की बिल्ली को भगाये,सत्य ,साहस शेर को यों जगाएं।दिल से जुदा बस ये आवाज़ हो,ज
कल को छोड़ , आज को जीतो,आने वाले की फिक्र में मत रीतो।हर दिन एक होगी नई शुरुआत ,सपनों को पाने की ये सुप्रभात ।कल की चिंता में तुम यों मत घुलना,आज का ही पल जिंदगी का सृजना ।कल आने से पहले आज को जि
जी ले जरा, खुल के अब अपने भी लियेचिंदी-चिंदी ,किरम-किरम खुद को जियेबार-बार अपनों से ही कितने गरल पियेकिसी की राह न देख,होगा अपने किये।सपनों को छूने का,साकार कर सपना,जी ले इस पल को,यही जीवन अपनासितारों
मीडिया का बोलबाला, दुनिया भर का घोटाला चाहे गोरा हो या कालाचाहे साला हो या लालाकिसी की न होती खालासबका इन से पड़े पालाखबर को लाता ताले सेचुरा हर एक के पाले सेरात अंधेरे और उजाले सेसोते को जग
स्त्री , शक्ति, व ममता की प्रतीक,समर्पण,सौन्दर्य, साहस की लीक।तुम,सृजन की हो अनमोल धरोहर।कांपती नहीं,आत्मविश्वास से भरपूर,समाज के रंग-मंच पर है शिनाख्त।स्त्री,जीवन की मिसाल है विख्यात हर कदम आगे
जीवन की राह में, उलझनें आती बहुत,समस्यासिन्धु में खोते, हो बुद्धि रहित। पर कभी हार ना माने, आगे बढ़ें हम,उलझनों को कर पार, जीतें सदा तम।समस्याओं का ,समाधान हमारे भीतर ,संघर्ष कर, नई दिशा में बढ़त
हम सफेद झूंठ का बोझ लिए,मनुष्य जीवन को बदल दिये।सत्य का मार्ग हम छोड़ हैं चुके ,सफेद झूंठ के जाल ऐसे फंसे ।अच्छाई का रास्ता हम भूल गए,धन-दौलत की भीख में डूब गये।सच्चाई के प्रति हम अनदेखे थे,सफेद झूंठ
गांधी जी, सत्य अहिंसा के महान संग्राहक,सत्याग्रह के प्रणेता, थे राष्ट्रपिता निर्वाहक।चश्मदीद आंखों में आज भी वो उम्मीद है,जीवन के संघर्षों में होता सत्य ही मुफीद है ।लालबहादुर शास्त्री,शांति के महान अ
स्मृति के गलियारे कैसे हैं पंख पसारे,झांकती जब झरोखों से दिल थे हारे।कुछ खिलता-महकता अहसास पाती,पलकों में सजे ख्वाब धुंधसी छा जाती। फिसलते वक्त की यादें अभी ताजी हैं,विगत के पन्नों को संजोने को र
साझेदारी रिश्तों की,एक अनमोल होता गहना,विश्वास व सजीव रिश्तों बिन होता क्या रहना।परिवार के बंधन , अपनों की दोस्ती का प्यार,हर मोड़ पर हमारे साथ, सब कुछ यहाँ यार।संघर्ष पेबन्द की सिलाई, मुश्
पुनर्मिलन का सुख अद्भुत, और मिलन का पल,दोस्तों के साथ हो या परिवार का मेल ये सुखद हल।विदेशों की धूप हो , या अपने गाँव की छाया,पुनर्मिलन की खुशी से हो हर दिन नयी काया।बचपन के खिलौने, या जवानी के
ये रिश्ते जीवन के मोह-मोह के धागेबंधन जो दिल से बनते प्यार में पागे।माता-पिता की गोदी से होती पहचान,बेटे-बेटियों संग बीतता है सफर महान बड़ा अद्भुत अनुभव होता इन रिश्तों काखुशियों का ये संगम होता
जिन्दगी का मजा है खुलकर जीने में, लोग कहेंगे क्या,क्यूं सोचना है सीने में? बड़ी की चाहत में छोटी न कुर्बान करें,चलो एक बार जीवन खुशी के नाम करे।छोटे-छोटे लम्हों से लें जीने की खुशियां,मन को
जीवन धारा में धीरे-धीरे बहते जाते,संघर्षों में,हम सब जीते खाते ही रीते।मन में बसी घुटती ,अशांति की चिंता,मुक्ति की ओर , मृगमरीचिका रिक्ता।आत्मा की जरूरत है मन की श्रान्ति,बंधन से पा छुटकारा पायें नव क
एक सरप्राइज का आया दिन ,संग खुशी जी भर लाया गिन।पटाखे छूटे , फुलझड़ी चमके,सब जगह हँसी-खुशी दमके।कर्मचारियों को सम्मान मिला,पाया भरपूर मेहनत का सिला ।सरप्राइज का तब है राज़ खुला, खुशी का उत्सव,न क
जब दो दिलों में होता सामंजस्यपूर्ण मेल,दोस्ती व प्यार की राह में हो फिर सुमेल।कभी-कभी त्यागने पड़ते कुछ स्वार्थ ,समझौते के माध्यम से होते हितकृतार्थ ।समझौते से दूर होतीं बड़ी-बड़ी मुश्किलें,जीवन हो सर
सच्चाई छुप नहीं सकती झूंठ के उसूलों से,खुशबू आती नहीं कागजी नकली फूलों से।सत्य हो सकता है किंचित ओट से बाधित , जैसे सूर्य छिपता बादली गोद में मुकुलित।वैसे ही सत्य होता नही कभी कहीं पराजित, क
शीर्षक देख न्यु इयर मै बहुत हुयी खुश,कैलेण्डर वर्ष नाम,अंग्रेजी न्यु इयर पुश।वसुधैव कुटुम्बकम के हैं हम भाव वाले,सबको गले लगायें चाहे गोरे हों या काले।हम भारत के वासी अपनी शान निराली,अपने नये वर्ष में
भारत में यह कानून अभी हाल ही में लागू किया गया है । इसका मूल उद्देश्य दुर्घटना के बाद ड्राइवर को भागने से रोकना है । इस नए कानून से ट्रक ड्राइवर व ट्रांसपोर्ट यूनियन ने देशव्यापी हड़ताल को शुरू कर दिय
हमने बना दिया कैसे हिंदी को मेहमान ,घरवालों को दें क्या एक दिनी सम्मान ।हिंदी बिना हम गूंगे बहरे भाषा ही शान, हो सके तो रोज ही दें अपनों को मान । बाहर जा विदेश में गर्व से ही हिंदी बोलें,&nb
हिंदी का नाम फारसी शब्द हिंद से लिया गया है जिसका अर्थ है सिंधु नदी की भूमि । 11वीं सदी की शुरुआत में सिंधु नदी किनारे बोले जाने वाली भाषा को हिंदी नाम दिया गया था । हिंदी भारत की आधिकारिक भाषा है । भ
सभी आदरणीय मित्र सुहृदजन को, मकर संक्रान्ति के परम पावन पर्व पर हार्दिक बधाई व शुभकामनाओं के साथ सुप्रभात 🙏🙏आया मकरसंक्रान्ति का पर्व,मनाते अलग-रंग सभी सगर्व।पूरब से ले पश्चिम तक पहुनाई,उत्तर से दक्
खुले दरवाजे श्री राम लला के,आज अवध पहुनाई है ।देख के मंदिर अवधराज का, जन-जन में हरषाई है ।नौबत बाज रही है घर-घर में,चौहाटन बजी शहनाई है।देश-देश के देखो भूपत आये।सौगातन भरी अंगनाई है।5 सौ साल बाद
खुला दरवाजे श्री राम लला का,आज अवध पहुनाई है ।देख के श्रीराम मंदिर अयोध्या का, जन-जन में हरषाई है ।नौबत बाज रही है घर-घर में,चौहाटन बजी शहनाई है।देश-देश के देखो भूपत आये।सौगातन भरी अंगनाई है।5 सौ
श्रीराम जी के शुभागमन में आज फिर ये समा बंधा, खुशनुमा दीपावली का।आसमां में रंगतें बिखरीं,दिलों में खुशियाँ उतरीं।दीपों की रौशनी से सजे,दिवाली का त्योहार बजे।आज फिर ये समा बंधा,खुशनुमा दीपावल
26 जनवरी का दिन आया झूम-झूम केभारतीय गणतंत्र मनाए जन-जन मिल केआज शहीदों को श्रद्धासुमन हम चढ़ाते हैं 21 तोपों की दे सलामी चूम कदम लेते हैंआज संविधान प्रमुख महामहिम के नातेतिरंगाध्वज फहरा राष्ट्रग
तिरंगा शान हमारी जान और पहिचान हैहिन्दुस्तानी को इसे देख होता अभिमान हैकेसरिया भरता साहस वीर जवानों का याद आजादी के परवानों की कुर्बानी कामध्यपट्टी श्वेत सच्चाई का संदेश दे जातीहरा उर्वरता,शुभता
प्रकृति कर रही नर्तन, धार नववधू यौवनशीत का है गमन ,ऋतुराज का आगमनधूप हुयी गुनगुनी सजीली व चमकीलीजीर्ण वसन छोड़ नवपात सजी डालीरुत मस्तानी, स्वच्छ चांदनी है गगन मेंदेखो नव फसलें, किलक रहीं भूतल मेंवीणा
फाग राग अलबेला कहुं न पड़े सुनाईसखी बसन्त मदन ऋतु है कहां आई??न दिखे खेत पीले सरसों न नीली अलसी ।कहां सखी कोकिल कूके आंबौर हुलसी ।सूरजमुखी के गेरुए संत गेंदा की तरुणाई ।मधुरस महुआ को छू पवन करे अगुआई
आखिर किसान आंदोलन है क्या ?किसान आंदोलन **किसानों की भूमि पर अधिकारों के हनन ,गंभीर शोषण, नए कर लगाये जाने और उपनिवेषी राज्य या सामंतों से किसानों की कृषि सम्बन्धी परेशानी के आक्रोश की उपज थे। भा
कुछ दिनों से तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल राज्य का संदेशखाली सियासती हिंसा की आग में झुलस रहा है। यहां महिलाओं और गांव के लोगों ने जमीन हड़पने का आरोप लगाया है ।मुख्य आरोप ***संदेशखा
फर्ज निभा शीश दिया अपने भाल का,आज ऋण चुका तेरी मां की कोख का।जान हथेली पर रख अपना कर्म निभायादिया मातृभू को बचन ,पूरित कर आया।21तो
भक्ति भाव से फैले उजियारा,हनुजन्मोत्सव ये उत्सव प्याराचैत्र शुक्ल पूर्णिमा परम पावनत्रेता युग हुआ जन्म जग तारनअब चलें राम भक्ति की ओरदिल रमें भाव भक्ति की भोर राम ध्यान मग्न , हरिनाम रमणहनुमान जन
जन्मे 15-10-1931रामेश्वर तमिलनाडु,पिता जैनुलाब्दीन थे मस्जिद के इमाम। थे पांच भाई बहन मां आशियम्मा महान,नाम अबुल पकिर जैनुलाद्दीन डा.कलाम।रात की चांदनी में चमकते हुए सितारे,स्वप्न देखते थे सच्चा
पेरिस की धरती पर, हो रहा है उत्सव महान,ओलम्पिक खेल का आगाज दे खुशी का भान।फ्रांस की राजधानी पेरिस, रंगों भरी सजावट,हर जगह खुशी छाई, हर दिल उमंगी बुनावट।नवीन खेलों का संगम, परंपरा की एक छाया,हर खिलाड़ी
कहां अब सरस-सहज अपना सा बचपन एकल परिवार में दादी-नानी बिन जीवन बचपन सिसक रहा आया-मेडों के बीचरही नहीं मान-मनुहार-ममता की सींच पीठ चढ़ने की उम्र में बस्ते पिट्ठू से भींचजैसे-तैसे कर बचपन
रोशनी का दर्पण,समाज के सागरप्रेमचंद जी,शब्दों के रथ पर सवार आप कहानियों के नायाब जादूगर गाँव की गली से लेके शहरी रफूगरहिन्दी के पितामह उपन्यास सम्राट कलम के सिपाही लेखक हैं विराट31 जुला
छोटे घर की खुशबू में, सजीव सपने पलते हैं, प्याले में चाय की चुस्की, मीठे लम्हे मिलते हैं। सादगी से सजी टेबल, और मेहनत की महक, हर चीज़ में दिखती है, अपनत्व की ये झलक।दो
मिडिल क्लास लाइफ अर्थात मध्यम वर्गीय परिवार की जिंदगी अब देखते हैं इनकी कुछ खास विशेषताएं ।मध्यमवर्गीय लोगों को जीवन में कई तरह के संघर्षों का सामना करना पड़ता है। उन्हें अपनी शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्
समाज की धारा में जब बँटने लगे छाँव,आरक्षण की नीति , प्रगति की राह गांव।SC,ST की मांग, कड़ी मेहनत की कहानीअधिकार की लड़ाई में,नयेपन की निशानी।सदियों की उपेक्षा ने, सामाजिक बंधन तोड़ा आरक्षण का बंट
आरक्षण की यह व्यवस्था,समाज में लाती है सविधा।SC, ST के हक की बात,समानता की होती है चाहतगांव की गली से नगर के चौक,हर वर्ग में,सबको दें हक सौंप।न्यायी आभास ,बंटने की राह,समाज में हो एकता,न हो आह।शिक्षा
सच्चा मित्र वही जो सन्मार्ग में लगावेअधर्म से रोक मित्रता का कर्ज चुकावेकर्ण-दुर्योधन थे महाभारत की कहानीदी सम्मति होती,न होती जन-धन हानिमित्र वही जो दुख में भी मन सहलायेकठिनाई में बांह पकड़ मंजिल पहु
मित्रता बेमिसाल ऐतिहासिक पृष्ठों में नजर डालें तो मित्रता की बहुत सी मिसालें देखने को मिलेंगी जो जनसामान्य में किवदंतियों के रूप में प्रचलित है ।श्री कृष्ण-अर्जुन की महाभारत कालीन मित्रता किसी से
वक़्फ़ की ज़मीन, एक अमानत सी जानें,धरोहर की शान,सौगातें यहाँ बंटती न माने।संगठित प्रशासन, उस पर पूरी नज़र रखे,वक़्फ़ बोर्ड एक्ट, इसका खुद जिम्मा देखे।वक़्फ़ की संपत्तियाँ, न बिकें,न बटें,न कटेंअमीन हो
सपनों की धरती, बांग्लादेश की भूमि फूलों की खुशबू है , नदियों की ऊर्मि पर सत्ता के खेल में, कभी चिंगारी सी नफरत की लहरें,उफनती अंगारों सीनये संघर्ष में उठती पुरानी कहानियाँ जन
हरियाणा के भिवानी के बलाली गांव जन्मीचाचा द्रोणाचार्य पुरस्कार महावीर फोगाट नीमां प्रेमलता पिता राजपाल फोगाट की संतानें 2014 के राष्ट्र मंडल खेलों की स्वर्णपदक पानेंसोमवीर राठी इनके पति पहलवान&nb
इंसानियत का चेहरा है प्यार और करुणा का,जिसमें दया और ममत्व की झलक प्रेरणा का।यह एक ऐसा रिश्ता है जो सबको जोड़ता है,और दिलों को ये कभी न तोड़ता मरोड़ता है।इंसानियत की आँखें भावासिक्त अश्रुपूरित,जो दूसर
श्रावण मास परम सुहावन शंकर जी का वासउनके गणदेवता का सब मिल करें परम सुपासनागपंचमी का दिन आया, धरती पर छाया प्रेम,नागों की पूजा,सबको मिले सुख-समृद्धि नेम।इस दिन जाते बांबी पूजने देने को उन्हें सम्मान&
अमन सहरावत हरियाणा वीरोहार गांव वासिंदाफ्रीस्टाइल कुश्ती के थे वह मंजे जांबाज परिंदा 11वर्ष की उम्र में माता-पिता की छांव से वंचितईश्वरी विडंबना प्यार न मिल पाया उन्हें किंचित 202में प्
हर घर तिरंगा अभियान, हर दिल में ध्यान,यह नारा हमारे देश की शान-बान पहचान।2022 आजादी अमृत-महोत्सव तत्वाधान, राष्ट्रीय गौरव व एकता की नयी भावनागान।यह तिरंगा सिर्फ ध्वज नहीं, गर्व का प्रतीक,हर रंग म
युवा शक्ति का ये पर्व आया, विश्व ने मिलकर इसे मनाया। चुनौतियों से जो कभी न डरें, उनके संग नया सवेरा खिले। आओ करें सपनों की बात, हर दिल में हो नई
एक समाचार पत्र के अनुसारकोलकाता में एक लेडी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर की वारदात 8-9 अगस्त 2024 की रात हुयी। ये केवल बंगाल हारर नहीं आज ये पूरे भूमंडल की भयावह त्रासदी हो चुकी है । इस
ये लेखमाला 3 भाग की है "प्यार के दो तार से संसार बांधा है ।बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बांधा है।"ये "रेशम की डोरी" फिल्म ही नही वरन् आदि काल से चली आ रही दो स्नेह मान के धागे से जुड़ा सम्पूर्ण इ
येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबलः।तेन त्वाम् प्रतिबध्नामि रक्षे माचल माचलः ।।श्लोक का अर्थ इस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बांधा गया था उसी रक्षासूत्र के बंधन से मैं तु
रक्षासूत्र बांधना मात्र अंधानुकरण नहीं है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। आयुर्वेद के प्राचीन ग्रन्थों मे उल्लेख है ।वैज्ञानिक कारण ******अधिकतर अंगों तक पहुंचने वाली नसें कलाई से होकर गुजरती
सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से खुशबू आ नहीं सकती कभी कागज के फूलों सेदुश्मन फिल्म का यह गीत आज भी सटीक बैठता है । एक छोटे से गाँव में कमला नाम की एक बुजुर्ग महिला अपने बेटे राजेश और
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से शनिवार को जारी किए गए एक विज्ञापन के बाद राजनीतिक घमासान शुरू हो गया था। विज्ञापन के जरिये केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों में 45 पदों के लिए ज्वाइंट सेक्रेट्री, डा
छोटों को प्यार बड़ों का सम्मान, संयुक्त परिवार की पहिचान।एक-दूजे की खुशी, संतोष, श्रद्धाभाव मन के अरमान। बुजुर्गों के अनुभव,पड़ोसी की सीख,देवर-भाभी की होली।देवरानी जेठानी की तनातनी, नंद भाभी की ठ
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 कीआप सभी को हार्दिक बधाई शुभकामनाएं । यह भारत की उस स्वर्ण उपलब्धि को याद करने के लिए मनाया जाएगा, जब हमारा तिरंगा धरती पर नहीं चांद पर लहराया था। 23 अगस्त, 2023 के द
महिला सशक्तिकरण एक ऐसा विषय है जो आज के समय में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह प्रक्रिया महिलाओं को उनकी सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, और व्यक्तिगत शक्तियों को पहचानने और उन्हें विकास के नए अवसर प्रदान करने क
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार शाम को यूनिफाइड पेंशन स्कीम की मंजूरी दे दी है। सरकारी कर्मचारियों की तरफ से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) लागू करने के लिए मोदी सरकार की तारीफ हो रही है।
देखो श्री कृष्ण जन्माष्टमी आई संग अपने खुशी की बहार लाई द्वापर,कान्हा का जन्म हुआ था सृष्टि में प्रेमी नवसंचार हुआ था यशोदा के लल्ला, ब्रज के राज गोपि
मनोविज्ञान में अध्यात्म एक गहरा और व्यापक विषय है जो मानव अनुभव के मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक आयामों का अध्ययन करता है। यह दोनों क्षेत्रों को जोड़कर यह समझने का प्रयास करता है कि व्यक्ति के मानसिक और
मनोविज्ञान की रहस्यमयी राहें, जहाँ विचारों के खेल की बाहें। भावनाओं का है अदृश्य जाल, मन की गहराइयों में लगे पाल। विचारों की धारा जब थमती, अध्यात
जाति जनगणना भारत में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसे समाज, राजनीति और अर्थव्यवस्था से जुड़े कई पहलुओं में समझा और विश्लेषण किया जा सकता है। जाति जनगणना का उद्देश्य विभिन्न जातियों की सामाजिक, आर्थिक और
**जातीय जनगणना: एक सवालजातीय जनगणना आया सवाल, फिर से उठी है एक पुरानी चाल। क्या फिर बंटेगा समाजी आधार, या बदलेगा अब न्याय का सार?गिनती में जाति का क्या काम,  
**परिचय:**राष्ट्रीय खेल दिवस भारत में खेलों के प्रति सम्मान और जागरूकता का प्रतीक है। इसे हर साल 29 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता ह
सतरंगी यह प्यार की बूँदें, मन के आँगन में छा जाए, हर रंग में एक नई कहानी, जीवन को नया बना जाए। लाल में उगता जुनून सार, हर धड़कन में बसे प्यार,&nb
**कोलकाता केस पर राजनीति: एक जटिल परिदृश्य**भारत की राजनीति में कोलकाता का अपना एक विशिष्ट स्थान है। बंगाल की राजनीति पर अक्सर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होती है, और कोलकाता, जो पश्चिम बंगाल की राजधानी ह
इंसाफ की पुकार में खो गया न्याय, सत्ता की गलियों में बिछा डर स्याह। वहाँ की सड़कों पर उठी एक चीख, राजनीति में गुम होती उसकी भीख।लालच और सत्ता की बिछी बिसात
सपनों की वो प्यारी किताब, छिपे इसमें अनगिनत जवाब। हर पन्ने पर एक दुनिया नई, जहाँ उड़ते ख्वाब मधुर कई।चांदनी रातों में है ये खुलती, तारों के संग हंस बातें क
बुलडोजर न्याय का अर्थ क्या है? पूरे भारत में अवैध निर्माण को हटाने के लिए बुलडोजर का उपयोग नियमित रूप से किया जाता है, इस मामले में बुलडोजर का उपयोग एक न्यायेतर उपकरण के रूप में तथा कथित अपराधियो
मेरी माँमाँ, तुम मेरी पहली शिक्षक हो, जीवन का पहला पाठ पढ़ाया, प्यार से भरी वो आँखें तुम्हारी, हर मुश्किल में राह दिखाया।तुमने सिखाया सच्चाई का मोल, सपनों
शिक्षक दिवस भारत में 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। डॉ. राधाकृष्णन एक महान शिक्षाविद्, दार्शनिक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे। उनके छात्रों ने जब उनके
अखंड मंडलाकारं व्याप्तम येन चराचरम।तत्पादं दर्शितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः।।इस श्लोक का भावार्थ इस प्रकार है। ब्रह्मांड में अखंड स्वरूप उस प्रभु के तत्व रूप को मेरा नमन है जो मेरे सामने प्रकट होता है
नारी शक्ति का होता अद्भुत श्रृंगार, हरितालिका तीज का ये त्योहार। श्रद्धा, समर्पण और प्रेम का संचार, शिव-पार्वती के संग जुड़ा है आधार। सोलह श्रृंगार से सजी ह
विघ्नहर्ता, सुखकर्ता, शुभ मंगलकारी, हर घर में आओ, मूषक पर कर सवारी। आओ गजानन, मोरे मन में स्थान करो, हम सबकी झोली में सुख-समृद्धि का दान करो।लड्डू मोदक का भोग लगे, आरत
विघ्नहर्ता, सुखकर्ता, शुभ मंगलकारी, हर घर में आओ, मूषक पर कर सवारी। आओ गजानन, मोरे मन में स्थान करो, सबकी झोली में सुख-समृद्धि दान करो।लड्डू मोदक का भोग लगे,आरती के सं
पेरिस पैरालंपिक खेल 2024: खेल, समावेशिता, और उपलब्धियों का उत्सव 2024 का पैरालंपिक खेल, जो पेरिस में आयोजित होने जा रहा है, न केवल विश्व के उत्कृष्ट एथलीटों के कौशल को दर्शाने का एक अवसर होगा बल्कि
विकलांगता की सीमाएँ तोड़, जीवन को फिर से देंगी मोड़, पेरिस की भूमि में अब गूंजेगी, सपनों की नई उड़ान मिलेगी। संघर्ष के धागे से बुनते जीत, विजय गा
यह कविता सैनिकों के बलिदान, साहस, और समर्पण को समर्पित है।धरती पर बिछी है चूनर लाल, वीर जवानों होते देश की ढालसैनिक ही, मातृभूमि का मान रक्त का रंग यहाँ है बेज़ुबान।हवा में गूँज
हिंदी भाषा का महत्वहिंदी भाषा हमारे देश की आत्मा और पहचान का एक अभिन्न हिस्सा है। यह न केवल संवाद का माध्यम है, बल्कि हमारे विचारों, भावनाओं और संस्कृति की अभिव्यक्ति का सशक्त साधन भी है। हिंदी का महत
हिंदी है भाषा हमारी,संस्कृति की पहचान,भावों की ये माला है,सृजता इसमें हर गान।सरल, सजीव, सुगम ,हर दिल पुकार परम,सबको जोड़े धुआँधारअपने में अपरम्पार।संस्कृति धन है इसमें,ज्ञान का असीम सागर,माटी की सौंधी
यह कविता इस बात को व्यक्त करती है कि कैसे मुस्कानें अक्सर छिपी हुई भावनाओं या गहरी सच्चाइयों को ढक देती हैं। आज का इंसान अंदर से इतना परेशान है लेकिन ऊपर से झूठी मुस्कान का लबादा ओढ़े रहता है, अंदर से
आज की पीढी तो बस अंग्रेज हो चुकी है । सच कहें तो इसमें उनका दोष भी नहीं है । आज का प्रत्येक माता-पिता बच्चे के गुड मार्निग बोलने पर फूल कर कुप्पा हो जाते हैं । जब वही बड़े में शटअप बोलते हैं तब न
पुरानी यादें, दिखें जैसे धुंधली तस्वीरेंसमय की पर्तों में छुपी,सजीव तदवीरें हृदय के किसी कोने में गढ़ी हुयी नींवमौका पाकर जेहन में हो उठती सजीवचिर-परिचित , मनभावन, अनुभूतीयस्मृतियों की गलियों में
समय और जीवन का नाता अनमोल होता है । यहाँ एक प्रेरक कविता प्रस्तुत है। यह कविता हमें इस बात की याद दिलाती है कि समय और जीवन दोनों ही निरंतर आगे बढ़ते रहते हैं, और हमें वर्तमान में जीते हुए जीवन को पूरी
विश्वकर्मा पूजा: निर्माण एवं सृजन के देवता की आराधनाविश्वकर्मा पूजा भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है, जिसे विश्वकर्मा भगवान की आराधना के रूप में मनाया जाता है। यह पूजा मुख्य रूप से
पितृपक्ष आने वाले था।राघवेन्द्र पिता के श्राद्ध की तैयारी के सामान की सूची अपने बजट को ध्यान मे रख बना रहा था तभी उसकी माँ कौशली उसके पास आकर बैठ गयी और पूछने लगी बेटा क्या कर रहे हो ?? मां अगले हफ्ते
नास्ति मातृसमा छायाः नास्ति मातृसमा गतिः । नास्ति मातृसमं त्राणं नास्ति मातृसमा प्रपा। | स्कंद पुराण के संस्कृत के इस श्लोक का अर्थ है " माता के समान कोई छाया नहीं, कोई आश्रय नहीं, कोई सुरक्षा नह
एक देश, एक चुनाव: भारतीय लोकतंत्र में सुधार की दिशापरिचय: "एक देश, एक चुनाव" का विचार भारतीय लोकतंत्र में सुधार के उद्देश्य से प्रस्तावित एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य लोकसभा और सभी राज्य विधा
विश्व शांति दिवस (International Day of Peace)परिचयविश्व शांति दिवस हर वर्ष 21 सितंबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य शांति को बढ़ावा देना, हिंसा और संघर्षों के प्रति जागरूकता फैलाना है। यह दिन संयुक्त
"क्षमा शोभती उस भुजंग को "आज भी कितनी सटीक हैदिनकर जी की कविताओं में राष्ट्रीय चेतना समग्रता में दिखाई देती है। क्योंकि वह पहले भारतीयता के कवि हैं जो बाद में राष्ट्रीयता के रूप में पहचान बन कर प्रवृत
ईर्ष्या की ज्वाला में जले कई दिल,लालची छांव सपनों में झिलमिल।दूसरों की ख़ुशियों से आंखें चुराएं,ख़्वाहिशों में सब कुछ खुद गवाएं।पैसों की दौड़ में रिश्ते हैं बिखरते,प्यार की राहें अब धुंध में सिहरते।हर
एकात्म मानववाद: एक समग्र दृष्टिकोणएकात्म मानववाद (Integral Humanism) एक दार्शनिक विचारधारा है, जिसे भारतीय विचारक और जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने प्रस्तुत किया था। यह विचारधारा भारतीय स
विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस: एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य की ओरविश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस (World Environmental Health Day) हर साल 26 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण और
पर्यावरण है जीवन का आधार,स्वस्थ रहे यह, तब ही हो उद्धार।वायु, जल, मिट्टी, और हरियाली,इनसे सजती है धरती की लाली।आओ मिलकर कसम ये खाएं,हरियाली को हम खूब ही बढ़ाएं।पेड़ लगाकर स्वच्छ हवाएँ पाएं,प्रकृति को
नीली चादर में छुपा के छार,सहे सैकड़ों बोझों का भार,नित सहती है चोटें बेसुमार,फरियादी बेबस व लाचार।कभी हरीतिमा उसकी शान,आज होके बंजर सूखी जान।नदियाँ गीत सुनातीं थीं कभी,अब हुए, मौन कहकहे सभी।आंधी, बारि
दो अक्टूबर का दिन महान,मिला था भारत को सम्मान। वे गांधी थे जन्मे पोरबन्दर,शास्त्री मुगलसराय के अम्बर।गांधी की सीख शांति अहिंसा,सत्य का जीवन में है हिस्सा।अंग्रेजों से लड़े बिना हथियार,स्वराज का क
हिमाचल की शैलपुत्री,धैर्य व शक्ति की मूर्ति महान,ब्रह्मचारिणी तप की देवी, देती अद्भुत ज्ञान वरदान।वीरस्वरूपा माँ चन्द्र घंटा, शत्रुओं का करती संहार,कूष्मांडा सृष्टि की जननी, मुस्कान से जग साकार।स्कंदम
समाचार एजेंसियों के अनुसारअक्टूबर 2024 में ईरान और इज़राइल के बीच तनावपूर्ण युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसमें ईरान ने इज़राइल पर करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। यह हमला इज़राइल द्वारा हिज
खुशी और सकारात्मकता का प्रतीकपरिचयहर साल अक्टूबर के पहले शुक्रवार को "विश्व मुस्कान दिवस" (World Smile Day) मनाया जाता है। यह दिन न केवल मुस्कान की शक्ति का जश्न मनाता है, बल्कि दुनिया में सकारात्मकता
परिभाषा, कानूनी स्थिति और समाजिक प्रभावपरिभाषालिव-इन रिलेशनशिप एक ऐसा संबंध है जिसमें दो व्यक्ति शादी किए बिना एक साथ रहते हैं और जीवनसाथी की तरह व्यवहार करते हैं। इसमें दोनों पार्टनर स्वतंत्र र
पहला प्यार जब दिल में दस्तक देता है,आंखों में नए ख्वाबों का सूरज उगता है।वो अनकही बातें, वो चुप्पी की आवाज़,वो लम्हे मानो नए सुरों का सरगम साज़।दिल धड़कता है तो उनका नाम लेता है,हर खुशी, हर ग़म उन्हीं
मातृत्व और पितृत्व संसार के सबसे पवित्र, गहरे भावनात्मक और हृदयस्पर्शी अनुभवों में से एक हैं। यह रिश्ता केवल एक शारीरिक प्रक्रिया की जिम्मेदारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन का एक ऐसा अध्याय है जिस
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीसरी बार सत्ता हासिल की है। BJP ने कुल 90 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस ने 37 सीटें जीतीं। इसके अलावा, निर्दलीय
रतन नवल टाटा का निधन भारतीय उद्योग जगत के लिए एक युग के अंत जैसा है। 86 वर्ष की उम्र में 9 अक्टूबर 2024 को उन्होंने अंतिम सांस ली, और उनके जाने से देश ने एक महान उद्यमी, समाजसेवी, और प्रेरक नेता खो दि
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीकविजयादशमी, जिसे दशहरा के नाम से भी जाना जाता है, भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जब भगवान राम ने रावण को पराजित क
अहमदाबाद से जामनगर कार से 6 घंटे का सफर है । सुधीर को घर से निकले 2घंटे हो चुके थे । घर से 12 बजे निकला था कि 7 बजे तक पहुंच ही जायेगा । हल्की सी बूंदाबांदी बिन मौसम की बरसात शुरू हो गयी थी उसे पूरा व
धूल में लिपटा आँगन, खून से सनी दीवार,बहराइच के गलियों में गूंजी करुण पुकार।जहां कभी बच्चे हंसते,आज छाया सन्नाटा, धरती माँ है रोती , ये कैसा कहर है काटा।बंदूक की आवाज़ें, इंसानियत को चीरती,प्यार
शरद पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे विशेष रूप से उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन शरद ऋतु के पूर्ण चंद्रमा की रात को होता है, और इसे कोजागरी पूर्णिमा या रास प
शरद पूर्णिमा की रात को विशेष महत्व दिया जाता है क्योंकि यह शीतलता और समृद्धि का प्रतीक है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस रात को चंद्रमा की किरणें इतनी सशक्त व निर्मल होती हैं की अमृत वर्षा होना कहा जात
रतन नवल टाटा जी की समाचार पत्र के अनुसाररतन टाटा, एक ऐसा नाम जिसे आज पूरी दुनिया सम्मान से देखती है। उद्योग जगत में अपनी सादगी, नैतिकता, और दूरदर्शिता के लिए जाने जाने वाले रतन टाटा जी की ज़िंदगी
:नए ट्रेंड्स और भविष्य की संभावनाएंसोशल मीडिया, जो कभी केवल दोस्तों और परिवार से जुड़ने का एक मंच हुआ करता था, अब पूरी दुनिया में संचार, व्यापार, और मनोरंजन का प्रमुख साधन बन चुका है। लेकिन जैसे-जैसे
करवा चौथ: सुहाग की रक्षा और स्नेह का पर्वकरवा चौथ भारतीय संस्कृति में विवाहिता स्त्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह त्योहार न केवल सुहाग की लंबी उम्र की कामना का प्रतीक है, बल्कि दांपत्य जीवन मे
मैं तेरी संगिनी,छाया बन साथ चलूँ,तेरे हर दर्द को अपने आँचल में लेलूँ।तेरी खुशियों में खिल सुमन बन जाऊँ तेरी हर तन्हाई में लता वितान बनाऊँ।राहों के दुख कंटकों से मैं दूर ले जाऊँ मैं बन
शब्दों में दिल की ये दस्तक बोली,अहसासों ने चुप्पी की गांठें खोलीं,वो साक्षात्कार था कुछ अलौकिक, आत्मा से आत्मा बोलीं हो दैविक।न सवाल सरल,न जवाब आसान,दिल से छलके ,जज्बाती दास्तान। कभी हंसी म
पटाखों पर बैन: एक बहस का विषयभारत में हर साल दिवाली जैसे त्यौहारों के दौरान पटाखों का उपयोग एक पुरानी परंपरा रही है। पटाखे जलाने से लोग आनंद और खुशी महसूस करते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में पटाखों के उ
दाना चक्रवात: एक जानकारीपरक लेखओडिशा के केन्द्र पाड़ा में आज दाना चक्रवात आ रहा है।चक्रवात "दाना" हाल के वर्षों में एक प्रमुख प्राकृतिक आपदा के रूप में उभर कर सामने आया है। चक्रवात एक शक्तिशाली वायुमं
चमकते तारों सा निखरता,दिली हर ख्वाब बिखरता।रात की चादर में सिमटता,हर सपना नये सफर रचता।दूर कहीं से आती है पुकार,गगन के पार एक है संसार।जहाँ उम्मीदों का है बसेरा,हर ख्वाहिश का है वे डेरा।आंखों में नम
यह कहानी एक छोटे से गाँव की है जहाँ एक बुजुर्ग किसान, रमेश जी, अपने खेतों और प्रकृति से बहुत लगाव रखते हैं। रमेश जी के पास ज़्यादा संपत्ति नहीं है, पर उनका मन बहुत धनी है। वो मानते हैं कि धरती माँ की
सुखद यादें दीवाली की*****दिवाली के 3 दिन ही बचे थे सबके घरों में सफेदी,रंगाई-पुताई हो चुकी थी । मैंने भी रंग-रोगन तो नहीं पर साफ-सफाई अपने हिसाब से निपटा ही ली थी । गृहनगर के कस्बे में हम दोनों पति-पत
मानवता के लिए वरदान***** प्रकृतिप्रकृति मानव जीवन के लिए एक अनमोल उपहार है। यह हमें जीवन के हर पहलू के लिए आवश्यक साधन प्रदान करती है। जीवनदायिनी हवा, शुद्ध जल, हरे-भरे पेड़-पौधे, और उपजाऊ मिट्टी, सबक
मानवता के लिए वरदान: प्रकृतिप्रकृति मानव जीवन के लिए एक अनमोल उपहार है। यह हमें जीवन के हर पहलू के लिए आवश्यक साधन प्रदान करती है। जीवनदायिनी हवा, शुद्ध जल, हरे-भरे पेड़-पौधे, और उपजाऊ मिट्टी, सबकुछ प
दीपावली के पर्व से कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं, जो इसके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती हैं। यहां कुछ प्रमुख कथाएं दी गई हैं:1. भगवान राम की अयोध्या वापसी कथा*****दीपावली का सबसे प्रसिद्ध प्
80 के दशक में मायके गयी पत्नी अपने पति को खत तो लिखती पर किससे लेटर बाक्स में डालने को कहे इसी संकोच में तकिया के नीचे दबा दी दूसरे दिन उसके पति मायके आ गये और पत्र पढकर बहकने लगे। तुम्हें लिखते
छठ पूजा की पौराणिक कथा और इसकी परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। इस पर्व का संबंध मुख्य रूप से सूर्य देवता और छठी मइया की पूजा से है। इस पूजा की कई पौराणिक कथाएँ हैं, जिनमें से प्रमुख हैं। सूर्य ऊर्
2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस पर जीत हासिल की है। ट्रंप ने कई महत्वपूर्ण स्विंग राज्यों में बढ़त बनाई, जिससे उन्हें निर्णायक बढ़त मिली। ट्रंप की रणनीति खासतौर पर आर्
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने 11 नवंबर, 2024 को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India - CJI) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में हुए इस शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने
कहानी का शीर्षक"वो अनकही सच्चाई"राधा ने पहली बार स्कूल में कदम रखा, तो उसकी छोटी आँखों में न जाने कितने सपने तैर रहे थे। अपनी माँ के प्यार भरे हाथों से सँवारी उसकी दो चोटी और उसका मामूली सा स्कूल बैग,
यह कहानी मेरे छोटे से गांव की है, जहां एक स्कूल में मेरे बाबा जी प्रधानाध्यापक थे। वहाँ हर साल बाल दिवस बड़े उत्साह से मनाया जाता था । उस साल भी बच्चे बाल दिवस की तैयारियों में व्यस्त थे , पर उन
आप सभी को बाल दिवस की बहुत-बहुत हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 🙏🙏💐बचपन की किलकारी, चंचल मुस्कान प्यारी,मिट्टी में खेलते थे, थी आंखों में दुनियादारी।छोटी-छोटी खुशियों में छुपे, बड़े-बड़े ख्वाब,छुपा लेत
ज्योतिर्मय निशा का पर्व पावन,कार्तिक पूर्णिमा का दिव्य सावन।गंगा की धारा में कर अद्भुत नर्तन,धर्म और श्रद्धा का अनुपम अर्पन।तारों से सजी ये रात्रि का उपहार,चमकता चंद्रमा है शांत, मनुहार।देवदीवाली का भ
मेरे इश्क का सफर कुछ ऐसा अनोखा है,ख्वाबों की बस्ती में हर मोड़ पर धोखा है।जुस्तजू में चले कदम तेरे करीब आने को,हर रास्ता देता किसी दर्द के खजाने को।धड़कनों की गुंजन में तेरा नाम है सजता ,हर सांस में त
झांसी मेडिकल कॉलेज में हाल ही में हुए अग्निकांड ने चिकित्सा क्षेत्र में सुरक्षा उपायों की गंभीर कमी को उजागर किया है। यह हादसा कॉलेज के एक महत्वपूर्ण भवन में हुआ, जहां तेजी से फैली आग ने बड़ी संपत्ति
एक द्रवित करती त्रासदीमणिपुर, जिसे पूर्वोत्तर भारत का "गहना" कहा जाता है, आजकल सांप्रदायिक हिंसा और अस्थिरता का शिकार बना हुआ है। यह राज्य, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति और विविधता के लिए जाना ज
एक रात को मेरे हाथ में,आया एक मोबाइल बड़ा अजीब।स्क्रीन चमके, बिना छुए,जैसे छिपा हो कोई रहस्य करीब।मैसेज आए, बिना भेजे,नंबर थे सब अनदेखे अनजाने।कॉल उठाऊं तो सुनाई दे,सिर्फ सिसकियों के अफ़साने।कैमरा खोल
मंच सजा है सपनों का, बोली का आगाज़,हर खिलाड़ी के हुनर की, हो रही जांबाज।क्रिकेट के इन योद्धाओं का, खास निदान,कोई बनेगा स्टार यहाँ, कौन रहेगा अन्जान।नीलामी की इस रेस में, हर टीम का इरादा,बनाएं संगठित द
कोट्स"संविधान केवल एक किताब नहीं, यह हमारे देश की आत्मा और लोकतंत्र की आधारशिला है।यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझे।" &
स"संविधान केवल एक किताब नहीं, यह हमारे देश की आत्मा और लोकतंत्र की आधारशिला है । संविधान दिवसहमें यह याद दिलाता है कि हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझे।"  
कोट्स"बाल विवाह केवल बचपन की खुशियों का ही अंत नहीं , एक उज्जवल भविष्य की संभावना को भी समाप्त कर , समाज के विकास की राह में सबसे बड़ा रोड़ा हैं।"आज एप ओपेन नहीं हो रहा ये आज का कोट्स लिखा।
"जब दुनिया से रंग हट जाते हैं, तब केवल प्रकाश और अंधकार बचते हैं। बेरंग प्रकृति अधूरी होती है । रंगों के अभाव में सपने भी मोनोक्रोम हो जाते ,रंगों के बिना दुनिया की कल्पना वैसी ही है जैसे आत्मा के बिन