पर्यावरण है जीवन का आधार,
स्वस्थ रहे यह, तब ही हो उद्धार।
वायु, जल, मिट्टी, और हरियाली,
इनसे सजती है धरती की लाली।
आओ मिलकर कसम ये खाएं,
हरियाली को हम खूब ही बढ़ाएं।
पेड़ लगाकर स्वच्छ हवाएँ पाएं,
प्रकृति को हम फिर से सजाएं।
नदियों का जल ये निर्मल बहता,
हर जीव का जीवन फिर हंसता।
प्लास्टिक छोड़, अपनाएं सादगी,
धरती मां की होगी ऊर्जित वन्दगी।
धूप, पवन, और जीवन की शक्ति,
इनसे होवे कल की अमिट भक्ति।
स्वच्छ ऊर्जा से हो घर-घर उजाला,
हम सब मिलकर बदलें ये दुशाला।
हर छोटी कोशिश लाएगी बदलाव,
पर्यावरण का हो हर दिल में चाव।
स्वास्थ्य और धरती का रखें ध्यान,
तभी बने सुंदर सजीव जग महान।
धरा का सम्मान,जीव का सम्मान,
पर्यावरण रक्षा, हो बड़ाअभियान।
पर्यावरण जागरूकता है जरूरी,
पंचतत्व की आवश्यकता हो पूरी।