विघ्नहर्ता, सुखकर्ता, शुभ मंगलकारी,
हर घर में आओ, मूषक पर कर सवारी।
आओ गजानन, मोरे मन में स्थान करो,
सबकी झोली में सुख-समृद्धि दान करो।
लड्डू मोदक का भोग लगे,आरती के संग,
हर भक्त के मन में उमंग रंग-बिरंगे रंग।
दुष्टों का विनाश हो , धर्म का वास हो,
हे बप्पा, आशीर्वाद से, जीवनाकाश हो।
संकट को हरने वाले, तू दुखहर्ता कहलाए,
जो सच्चे मन से पुकारे, नैया पार लगाए।
मंगलमूर्ति, मोरया, आओ हमारे द्वार,
कर दो जीवन सुखमय, दूर करो हर भार।
गणेश जी की महिमा है प्यारी-न्यारी,
उनके बिना नहीं चलती कोई सवारी।
हे मंगलमूर्ति बुद्धि-विवेक के हो दाता,
तुम्हीं हो विघ्न-विनाशक भाग्य विधाता।
स्वरचित डॉ. विजय लक्ष्मी