साझेदारी रिश्तों की,एक अनमोल होता गहना,
विश्वास व सजीव रिश्तों बिन होता क्या रहना।
परिवार के बंधन , अपनों की दोस्ती का प्यार,
हर मोड़ पर हमारे साथ, सब कुछ यहाँ यार।
संघर्ष पेबन्द की सिलाई, मुश्किलों की बुनाई ,
साथ चलने वाले, हर दुख-दर्द में करते भलाई।
छोटी बड़ी मुश्किलों में, हमें साथ देने वाले,
रिश्तों की साझेदारी में , हमें सहलाने वाले।
सफलता के सफर में, खुशियों की जीवंत बहार,
रिश्तों की साझेदारी, जीवन का मूल मंत्र श्रृंगार।
स्वरचित डा.विजय लक्ष्मी