कुछ दिनों से तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल राज्य का संदेशखाली सियासती हिंसा की आग में झुलस रहा है। यहां महिलाओं और गांव के लोगों ने जमीन हड़पने का आरोप लगाया है ।
मुख्य आरोप ***
संदेशखाली में TMC नेता शेख शाहजहां और उसके दो साथी शिबू हाजरा और उत्तम सरदार पर आरोप लगाया है कि वे गांव की महिलाओं का गैंगरेप कर रहे थे। इस केस में शिबू हाजरा और उत्तम सरदार समेत 18 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शाहजहां अब तक फरार है।
संदेशखाली का पूरा मामला ED की कार्रवाई के बाद लोगों के सामने आया है। 5 जनवरी, 2024 को ED के अधिकारियों ने राशन भ्रष्टाचार मामले में संदेशखाली के सरबेड़िया में तृणमूल नेता शेख शाहजहां से पूछताछ करने पहुंचने पर नेता शेख शाहजहां फरार हो गया था। इस दौरान अधिकारियों पर भी हमले किए गए थे।
आक्रोशित महिलाओं ने शाहजहां के करीबी विश्वासपात्र और टीएमसी नेता शिबू हाजरा के खेत और पॉल्ट्री फॉर्म में आग भी लगा दी । उनका कहना है कि पॉल्ट्री फॉर्म गांव के लोगों की जमीन छीनकर उसपर अवैध तरीके से केन्द्र बनाकर कई तरह के अवैध कार्यों को चलाया जा रहा है ।
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा है कि शाहजहां शेख के चमचे रात में आकर जबरन उठाकर ले जाते थे और सुबह छोड़ दिया करते थे ।उनसे रातभर काम कराया जाता था । सभी से कहा जाता था रात 12 बजे मीटिंग है जाना ही है कोई भी पीड़ित महिला डर के कारण कैमरे के सामने नहीं बोल पाती थी । उनकी सरकारी सुविधायें ,राशन आदि भी बंद कर दिया जाता था । पुलिस से शिकायत करने पर भी कोई मदद नहीं मिली अब उन्हें सरकार पर भी भरोसा नहीं है ।
एक दूसरी प्रदर्शनकारी महिला ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के लोग पहले गांव में घर-घर जाकर सर्वे करते हैं किसी घर में कोई सुंदर महिला या लड़की दिखती है तो उसे पार्टी ऑफिस ले जाया जाता है , फिर उस महिला को कई रातों तक वहीं रखा जाता है ।हमारी बहू-बेटियां महफूज नहीं हैं ।
घटना के दो दिन बाद 9 फरवरी की रात से संदेशखाली में धारा 144 लागू कर दी गई थी। इसके बाद से कई दिनों तक संदेशखाली ब्लॉक-2 के 8 ग्राम पंचायत इलाकों में दुकान-बाजार बंद रहे। इंटरनेट सेवाएं भी ठप कर दी गई थीं।
एक समाचार पत्र के अनुसार
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने संदेशखाली में अशांत क्षेत्रों का दौरा किया और तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शेख शाहजहां और उसके साथियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला प्रदर्शनकारियों से बात की थी।
राज्यपाल ने संवाददाताओं के सामने कहा ,"वह संदेशखाली की महिलाओं के राखी भाई हैं। उनकी रक्षा के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली की "प्रताड़ित" महिलाएं राजभवन में शरण ले सकती हैं, जहां उन्हें हर संभव मदद दी जायेगी "।
संदेशखाली में हिंसा और यौन उत्पीड़न के बारे में पता लगाने को लिए एक पैनल का गठन किया गया है। केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी को उच्च स्तरीय समिति के संयोजक के रूप में नामित किया गया है।
पैनल के अन्य सदस्यों में प्रतिमा भौमिक, भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल, कविता पाटीदार, संगीता यादव और बृजलाल शामिल हैं
15 फरवरी को संदेशखाली का मामला सुप्रीम कोर्ट में दायर किया गया है । इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीवी नागरत्ना और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच करेगी।
साल 2019 में गांव कनेक्शन के एक सर्वे में पाया गया कि देश में पश्चिम बंगाल की महिलाएं खुद को सबसे ज्यादा असुरक्षित महसूस करती हैं । इस जांच समिति की रिपोर्ट आने का सभी को इंतजार है ।