सतरंगी यह प्यार की बूँदें,
मन के आँगन में छा जाए,
हर रंग में एक नई कहानी,
जीवन को नया बना जाए।
लाल में उगता जुनून सार,
हर धड़कन में बसे प्यार,
सपनों में बुनता एहसास,
हर पल साथ रहे ये आस।
नीला सा गहराई में उतरे,
जैसे सागर की अनंत लहरें,
शांत सुकून,पर गहरा प्यार,
जो मन के हर कोने में यार।
पीला वो जो उजास भरा हो,
हर सुबह नई उमंगी धरा हो
हर क्षण बिखेरे सजीव हँसी,
जीवन दे सजीव रंग कसी।
हरा हो जैसे सावनी खुशबू,
हरियाली से भरी ये गुफ्तगू,
आशाओं में हो वो हर पल,
जैसे हर कठिनाई में दे बल।
सफेद हो जैसे निर्मल बंधन,
कोमलता से भरा ये स्पन्दन,
निश्छल, पवित्र और सच्चा,
दिल जुड़े तार मासूम बच्चा
सतरंगी इन रंगों का खेल,
हर रिश्ते को संवारता मेल,
प्यार का ये अद्भुत संसार,
जीवन हो सुंदर बने बहार।
स्वरचित डा.विजय लक्ष्मी