आरक्षण की यह व्यवस्था,
समाज में लाती है सविधा।
SC, ST के हक की बात,
समानता की होती है चाहत
गांव की गली से नगर के चौक,
हर वर्ग में,सबको दें हक सौंप।
न्यायी आभास ,बंटने की राह,
समाज में हो एकता,न हो आह।
शिक्षा की ओर बढ़े हर कदम,
हर बच्चे को मिले पथ हमदम।
भ्रष्टाचार का बोझ, धुंध भर दे,
आरक्षण की सही,राह दिशा दे।
संविधान के इस वातायन व्योम
समाज में सम्मान मिले हर कौम
संविधान की धारा, जीवन आधार,
SC, ST के हक दे एक समाकार।
स्वरचित डा.विजय लक्ष्मी
अहमदाबाद