सपनों की वो प्यारी किताब,
छिपे इसमें अनगिनत जवाब।
हर पन्ने पर एक दुनिया नई,
जहाँ उड़ते ख्वाब मधुर कई।
चांदनी रातों में है ये खुलती,
तारों के संग हंस बातें करती।
कुछ सपने हकीकत हैं बनते,
कुछ दिल की बात हैं कहते।
कभी छूये आसमानी रंग को,
कभी सागरी उर्मिल लहरों को।
कभी खुशी की बारिश होती,
कभी दर्दीले मन की बूंदें रोतीं।
सपनों की ये अनमोल कहानी,
बुनती है हर रात नयी रवानी।
इच्छाओं का रंग भरती जाती,
उम्मीदों की राह दिखा ये गाती।
सपनों की ये किताब जो खोले,
जाने कितनी बातें सतरंगी बोले।
हर पन्ना खुलता एक संदेश लिए,
हर सपना संदेश नये संघर्ष लिए।
सपनों की दुनिया कितनी अनोखी,
हर रात चमकती एक नई रोशनी।
इस किताब को बस पढ़ते जाना,
जीवन के सपनों से खुद सजाना।
स्वरचित डॉ.विजय लक्ष्मी