एक समाचार पत्र के अनुसार
कोलकाता में एक लेडी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर की वारदात 8-9 अगस्त 2024 की रात हुयी। ये केवल बंगाल हारर नहीं आज ये पूरे भूमंडल की भयावह त्रासदी हो चुकी है ।
इस वारदात का खुलासा तब हुआ जब कोलकाता के 'राधा गोबिंदकर मेडिकल कॉलेज से ट्रेनी डॉक्टर की लाश मिली थी (Kolkata Rape and Murder Case). इस डॉक्टर की उम्र 31 वर्ष थी, जो उस दिन तीन और डॉक्टर्स के साथ नाइट ड्यूटी पर थी।
इसके बाद महिला डॉक्टर रात को करीब दो बजे सोने के लिए अस्पताल के सेमिनार हॉल में चली गई ।इसके बाद कोई आरोपी पीछे के रास्ते से इस सेमिनार हॉल में आया और पहले उसने इस लड़की की निर्ममता से हत्या की और फिर उसका रेप किया।
ऐसी ही कितनी बेटियां शिकार होती रहती है । बहुत सी गुमनाम ही अपनी जिन्दगी से हाथ धो बैठती है और किसी को कानों कान भनक भी नहीं लगती कभी पारिवारिक भेड़िया तो कभी बाहरी। कभी परिवार के विघटन के भय से,तो कभी समाज में बदनामी के डर से , तो कभी रसूखदारों का दबाव ,आखिर कब तक??
इसका कौन जिम्मेदार है, कौन दोषी है ??वह लड़की जो कंधे से कंधा मिलाकर पुरुषों के साथ काम कर रही है या फिर हमारे समाज के पंगु मानसिकता के लोग या फिर अश्लील साहित्य,सर्व जन सुलभ फिल्म जो सुप्त भावनाओं को भड़का कर सब कुछ खाक कर हर मर्यादा को तोड़ तार-तार कर देता है। ऐसा कुछ वातावरण जो हमारी बेटियों को सुरक्षा देने में सक्षम नहीं है या फिर हमारे लचर कानून?? जो आरोपी गुनहगार बच जाते हैं। हमारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का मैक सब क्या ऐसे पूरा होगा ??
यह सभी के लिए एक ज्वलंत प्रश्न है ,मात्र एक व्यक्ति के ही फांसी देने से ही समस्या का निदान नहीं होगा । दोषी को सजा देना अपनी जगह बिल्कुल उचित है लेकिन हमें इसके लिए एक बार कारण की जड़ खोज कर उनका निवारण करना लक्ष्य होना चाहिए।
वर्तमान समय में यह एक मननीय, विचारणीय और चिंतनीय प्रश्न है