अमन सहरावत हरियाणा वीरोहार गांव वासिंदा
फ्रीस्टाइल कुश्ती के थे वह मंजे जांबाज परिंदा
11वर्ष की उम्र में माता-पिता की छांव से वंचित
ईश्वरी विडंबना प्यार न मिल पाया उन्हें किंचित
202में प्रथम राष्ट्रीय चैंपियनशिप खिताब जीता 2022 में अंडर 23 एशियाई चैंपियनशिप नीता 2023 में अस्ताना में एशियाई कुश्ती स्वर्णपदक
रोक नहीं सका मंजिल को पाने में कोई कण्टक
2024के पेरिस ओलंपिकी एकमात्र पुरुषरेसलर
इस्तांबुल 2024 विश्वकुश्ती ओलंपिक श्रेयस्कर
57कि. वर्ग कैटेगरी डरलिन तुई क्रुज को हराया
ओलम्पिक में कांस्य दिला तिरंगा झंडा फहराया
अमन सहरावत की एक पदक विजेता पहचान
सुनहरी धूप जैसी चमके उनकी आन-बान-शान
मुस्कान पहली प्रातः किरण सी सौम्य अठखेली दिल में बस जाए,मासूम शबनमी नादान नवेली
हर दिन उसके कदम सजग, मोरपंखी बहारें
सच्चाई और उम्मीद से रिश्ते बुनते नये सितारे
सहरावत की सादगी, अनुपम अद्भुत है कला
हर दिल में छुपा, अनमोल सुखद शान्त मृदुला
सपनों की उड़ान में वह हमेशा होता अव्वल
जीवन की राह में उसका संग हो मधुर निर्मल
अमन शहरावत की छवि में है शांति का बसेरा,
उसे देख हर दिल में नयी प्रेरणा का नया सबेरा
स्वरचित डा.विजय लक्ष्मी