न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने 11 नवंबर, 2024 को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India - CJI) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में हुए इस शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई, और इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। न्यायमूर्ति खन्ना का कार्यकाल लगभग छह महीने का रहेगा, क्योंकि वे मई 2025 में सेवानिवृत्त होंगे।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का न्यायिक करियर चार दशकों से अधिक का है। उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया था और दिल्ली हाई कोर्ट में वरिष्ठ स्टैंडिंग काउंसल के रूप में काम किया। इसके बाद, उन्हें 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय में नियुक्त किया गया और 2006 में स्थायी न्यायाधीश बने। 2019 में वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने, हालांकि किसी भी उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश का पद नहीं संभाला।
न्यायमूर्ति खन्ना ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं, जिनमें चुनावी बॉन्ड योजना की संवैधानिकता, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की वैधता से जुड़े मामले शामिल हैं। उनकी देखरेख में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लिए गए हैं। उनके कार्यकाल के दौरान marital rape (वैवाहिक बलात्कार) को अपराध की श्रेणी में लाने, और मनी लॉन्ड्रिंग कानून (PMLA) के संशोधन जैसे मामलों पर सुनवाई की संभावना है।