समाचार एजेंसियों के अनुसार
अक्टूबर 2024 में ईरान और इज़राइल के बीच तनावपूर्ण युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसमें ईरान ने इज़राइल पर करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। यह हमला इज़राइल द्वारा हिज़बुल्लाह और हमास के नेताओं पर हालिया हमलों के जवाब में किया गया था। इज़राइल ने हिज़बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह और हमास के कई प्रमुख नेताओं को मार गिराया था, जिसके बाद ईरान ने इस आक्रामक हमले को अंजाम दिया।
इस हमले के बाद इज़राइल ने अपनी सुरक्षा बढ़ाते हुए नागरिकों को बम शेल्टर में रहने की हिदायत दी। इज़राइल ने अपनी मिसाइल रक्षा प्रणाली को पूरी तरह सक्रिय कर दिया और अमेरिका ने भी मिसाइल इंटरसेप्टर्स भेजकर इज़राइल की सुरक्षा में सहयोग दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी ईरान को चेतावनी दी है कि यदि वह इस प्रकार के हमलों को जारी रखता है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
इस संघर्ष की जड़ें पिछले कई महीनों से चल रही हैं, जब इज़राइल ने लेबनान में हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले शुरू किए थे। ईरान समर्थित हिज़बुल्लाह और हमास जैसे संगठनों पर लगातार हो रहे हमलों ने ईरान को उकसाया, और अब यह संघर्ष व्यापक रूप लेने की संभावना में है। इज़राइल ने भी ईरान को जवाब देने का वादा किया है, लेकिन कब और कैसे यह जवाब दिया जाएगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
इस युद्ध के चलते पूरे मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ गया है, और विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह संघर्ष जारी रहता है तो यह क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और गंभीर हो सकता है। कुछ लोग इसे तीसरे विश्वयुद्ध की संभावना मानकर चल रहे हैं ।
स्वरचित डॉ विजय लक्ष्मी