केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार शाम को यूनिफाइड पेंशन स्कीम की मंजूरी दे दी है। सरकारी कर्मचारियों की तरफ से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) लागू करने के लिए मोदी सरकार की तारीफ हो रही है।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम
इस योजना की कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
1--कम से कम 25 साल तक नौकरी करने वाले को रिटायरमेंट से पहले पिछले 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में दिया जाएगा।
2--इस पेंशन के हकदार वही होंगे जो कम से कम 10 साल नौकरी करेंगे।
3--10 साल की नौकरी के बाद अगर कोई नौकरी छोड़ता है तो उसे कम से कम 10 हजार रुपये पेंशन के तौर पर मिलेंगे।
4--कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसकी पेंशन की 60 फीसदी रकम परिवार को मिलेगी।
5--रिटायर होने पर ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त भुगतान भी किया जाएगा।
6--महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ भी मिलेगा।
7--कर्मचारियों को अंशदान करने की जरूरत नहीं होगी। सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 फीसदी वहन करेगी।
8--हर छह महीने की सेवा के बदले मासिक वेतन (वेतन + डीए) का दसवां हिस्सा जुड़ कर रिटायरमेंट पर मिलेगा
NPS से UPS कैसे अलग है स्कीम?
अभी पेंशन के लिए कर्मचारियों को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में बेसिक सैलरी का 10 फीसदी हिस्सा कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है। इसमें सरकार अपनी ओर से 14 फीसदी हिस्सा सरकार अपनी ओर से देती है। अब UPS में कर्मचारी को कोई भी अंशदान नहीं देना होगा। सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 फीसदी हिस्सा कॉन्ट्रिब्यूट करेगी।
अश्विनी वैष्णव जी (सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री) ने बताया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को नई पेंशन योजना (एनपीएस) में बने रहने या एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) में शामिल होने का निर्णय लेने का अधिकार होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि यह उन सभी लोगों पर लागू होगा, जो 2004 के बाद से एनपीएस के तहत पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
कैबिनेट सेक्रेटरी डेजिग्नेट सोमनाथन ने कहा कि नई योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। उन्होंने कहा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम के फायदे उन सभी पर लागू होंगे जो रिटायर्ड हो चुके हैं और NPS के तहत 31 मार्च 2025 रिटायर हो रहे हैं। वे बकाया राशि के पात्र होंगे।
स्वरचित डा.विजय लक्ष्मी
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