वक़्फ़ की ज़मीन, एक अमानत सी जानें,
धरोहर की शान,सौगातें यहाँ बंटती न माने।
संगठित प्रशासन, उस पर पूरी नज़र रखे,
वक़्फ़ बोर्ड एक्ट, इसका खुद जिम्मा देखे।
वक़्फ़ की संपत्तियाँ, न बिकें,न बटें,न कटें
अमीन हो सभी,ये नियम न कभी छटे,हटें।
समाज की सेवा और परोपकार, ध्येय हो,
सच्चाई की राह , सबका चलना लक्ष्य हो।
दायित्व निभाये ईमान, जो बोर्ड के सदस्य,
वक़्फ़ की हिफाज़त,बनाते आदर्श अदम्य।
संपत्तियों की देखरेख, कानूनी नियम तहत,
सचाई की राह पर, इमानदारी की है गरज।
वक़्फ़ बोर्ड एक्ट, एक तंत्र की उम्मीद मंत्र,
समाज के लिए एक सुरक्षा कवच का जंत्र।
संगठित हो प्रबंधन,हो हर जगह सम ख्याल,
वक़्फ़ की हिफाज़त में,सच्चाई बने मिसाल।
यह कानून बने आधार, वक़्फ़ के हों संरक्षक,
हर कदम पर उम्मीदें पूरी हों न बनें वे भक्षक।
इस्लाम में वक्फ संपत्ति स्थायी धार्मिक है ट्रस्ट
देश में कुल 30 वक़्फ़ फिर भी न आय हैं भ्रष्ट
वक़्फ़ आयलाभ मुस्लिम आबादी भी न पाती
केन्द्र,राज्य यहां तक अदालतें न कुछ कर पातीं
पावरफुल रसूकी ही इसका लाभ हैं सदा उठाते
आमजन इनके आगे अपनी आवाज दबा जाते
स्वरचित डा.विजय लक्ष्मी