अपनी सोहरत से डरता हूँ
कहीं, यह तुझे रुसवा ना कर दे
मोहब्बत का अपनी, इजहार करने से डरता हूँ
की मशहूर, ना हो जाए यह कुछ इस क़दर
की लोग समझ जाएँ, इशारों इशारों में तेरा ज़िक्र
अपनी रुसवाई से भी डरता हूँ
यह रुसवाई, तुझे मशहूर ना कर दे
मोहब्बत को अपनी, छुपा के रखने से भी डरता हूँ
छुपाते छुपाते, कहीं इज़हार ना हो जाए
अपनी सोहरत से डरता हूँ
४ जून २०१७
लेगॉस