जानता हूँ मैं
चिल्ला देता हूँ तुम पर कभी
जानता हूँ कि तुम
समझ जाओगी मेरी दशा
और नहीं करोगी
मुझे खुद से दूर
रो लेता हूँ
तुम्हारे सामने
जानता हूँ कि तुम
दोगी मुझे तसल्ली
नहीं समझोगी कमजोर
हँस लेता हूँ
तुम्हारे साथ
जानता हूँ कि तुम
बाँटोगी मेरी ख़ुशी
नहीं करोगी रश्क़
दर्द अपना कर लेता हूँ
तुम से साँझा
जानता हूँ कि तुम
दोगी मुझे सुकून
नहीं होगी नाराज़
ज़िंदगी बितानी है
तुम्हारे साथ
जानता हूँ कि तुम ही हो
जो करती हो मुझ से प्यार
खुद से ज़्यादा
१३ दिसंबर २०२०
दिल्ली