आज फिर बातों में
तेरा ज़िक्र आ ही गया
आज फिर एक तस्वीर बनाई
उसमें तेरा अक़्स आ ही गया
आज फिर कुछ छंद पढ़े,
उन्मे तेरा उल् लेख आ ही गया
आज फिर कुछ लिखा कोरे काग़ज़ों पर
उन्मे भी तेरा वर्णन आ ही गया
ना चाहते हुए भी, आज फिर तेरी याद
आ ही गयी
२९ अप्रेल २०१७
जिनेवा