ज़ख़्म भी तू मरहम भी तू
आँसू भी तू मुस्कुराहट भी तू
उदासी भी तू ख़ुशी भी तू
अंत भी तू शुरुआत भी तू
सिरा भी तू ज़िंदगी भी तू
मक़सद भी तू अंजाम भी तू
राह भी तू मंज़िल भी तू
क़ैद भी तू रिहाई भी तू
उन्माद भी तू होश भी तू
नफ़रत भी तू प्यार भी तू
२४ जनवरी २०१६
जिनेवा