तेरी नज़रें बिन बोले भी, बहुत कुछ कहती हैं हमसे
होती हो जब तुम ख़ुश, ब्यान करती हैं यह
होती हो जब उदास, बता देती हैं यह
होती है जब मिलने की आस, समझा देती हैं यह
होती हो बिछुड़ने को जब, ज़ाहिर कर देती हैं यह
करती हो जब कोई नदानी, बोल देती हैं यह
करती को जब कोई शरारत, बता देती हैं यह
छुपाती हो कभी जब दर्द को अपने, बतला देती हैं यह
तुम्हारे हर जज़्बात को, ब्यान कर देती हैं यह
शायद इसलिए ही हो गया था इश्क़, इनसे, तुमसे, पहली ही नज़र में
और बढ़ती ही जा रही है इनसे, तुमसे मोहब्बत
हर गुज़रते पल के साथ
जिनेवा
२३ जून २०१६