मैं तुम्हें, तुम मुझे, करते हो प्यार क्यों
मैं तुम पर, तुम मुझ पर, करते हो ऐतबार क्यों
मैं तुम पर, तुम मुझ पर, करते हो जान निसार क्यों
मैं तुम्हारे बिना, तुम मेरे बिना, जी नहीं सकते क्यों
क्योंकि
तुम्हारे लबों पर मेरी, मेरे लबों पर तुम्हारी, मुस्कान रहती है
मेरे दर्द का तुम्हें, तुम्हारे दर्द का मुझे, एहसास होता है
तुम्हारी रगों में मेरा, मेरी रगों में तुम्हारा, रक्त दौड़ता है
मेरे सीने में तुम्हारा, तुम्हारे सीने में मेरा, दिल धड़कता है
मेरी रूह तुम में, तुम्हारी रूह मुझ में, बसती है
१८ नबंबर २०१५
जिनीवा