तुझ से बिछड़ कर जाना
आसान नहीं है जीना
वो सब छोटी छोटी बातें
जिनका मोल समझता नहीं था
आज पता लगा कितनी अनमोल हैं वो
सुबह आज भी होती है
मगर तेरी मुस्कुराती सूरत दिखती नहीं
रात आज भी होती है
मगर सुकून की नींद
जो तुझे पकड़ कर आती थी,
वो अब आती नहीं
फ़ोन की घंटी आज भी बजती है
पर दूसरी ओर से तेरी आवाज़ आती नहीं
काम पर आज भी चला जाता हूँ
घर लौटने की चाह होती नहीं
महफ़िलो में आज भी चला जाता हूँ
तेरा साथ ना होना हर पल अखरता है
अकेले में तुझ से बातें कर लेता हूँ
पर तेरा कोई सवाल, जवाब आता नहीं
तू इस क़दर मेरी ज़िंदगी में मिल गयी
की सोंचा ही नहीं की तेरे बिना इस ज़िंदगी का क्या होगा
तुझ से बिछड़ कर जाना
आसान नहीं है जीना तेरे बिना
१७ नबंबर २०१६
आडिस अबबा