चाहें ना चाहें हमको ज़माना
तुम चाहते हो हमको, यही काफ़ी है
याद रखे ना रखे हमको ज़माना
तुम्हारी यादों में रहूँ, यही काफ़ी है
करे ऐतबार या ना करे, ज़माना
तुम्हारा भरोसा बनकर रहूँ, यही काफ़ी है
मिले ना मिले यह ज़माना
हो तुझ पर इख़्तियार, यही काफ़ी है
करे ना करे पूरी ख़्वाहिश यह ज़माना
तुम्हारी मुराद बनकर रहूँ, यही काफ़ी है
बहाए ना बहाए दो आँसू यह ज़माना
तेरी आँखों से मोती बन कभी बहूँ, यही काफ़ी है
यही काफ़ी है
१८ जनवरी २०१७
अबूजा