कोई मुस्कुरा कर भी दुखी है
और कोई बिना मुस्कुराए भी ख़ुश है
कैसी विडम्बना है यह जीवन की
कोई आँसू बहा कर दुखी है
तो कोई आँसुओं को छुपा कर भी ख़ुश है
कैसी विडम्बना है यह जीवन की
किसी के पास सब कुछ है पर मन भटकता रहता है
किसी के पास कुछ नहीं फिर भी मन स्थिर है
कैसी विडम्बना है यह जीवन की
कोई अपनों के पास हो कर भी अकेला है
कोई अकेला हो कर भी सब के साथ है
कैसी विडम्बना है यह जीवन की
कोई अपना पराया करने में ही व्यस्त है
कोई रिश्ते बनाने में मशगूल है
कैसी विडम्बना है यह जीवन की
है एक ही डाली के फूल
पर हैं कितने भिन्न
कैसी विडम्बना है यह जीवन की
फ़्रैंकफ़र्ट
११ जून २०१६