जो बसा है मेरे दिल में
उसकी तस्वीर ले कर घूमूँ
ज़रूरी तो नहीं
जो समाया है मेरी रूह में
उसके साथ हर घड़ी रहूँ
ज़रूरी तो नहीं
जिसकी ख़ुशबू है मेरी साँसों में
उसके नज़दीक ही रहूँ
ज़रूरी तो नहीं
जो घुल गया है मेरी शायरी में
उससे गुफ़्तगू हर पल करूँ
ज़रूरी तो नहीं
२० सितम्बर २०१८
जिनेवा