एक वो बारिश थी जो साथ रहने का बहाना बन जाती थी
एक यह बरसात है जो दूरियाँ मिटा नहीं पाती
एक वो बारिश थी जिसमें मीलों के फ़ासले पल में तय हो जाते थे
एक यह है जिसमें चाह कर भी इन फ़ासलों को तय कर नहीं पाते
एक वो बारिश थी जो ख़ुशियों से भर देती थी दामन
एक यह है जो संजीदा कर जाती है
एक वो बारिश थी जो सूनापन मिटा देती थी
एक यह है जो अकेलेपन में डुबो देती है
२४ जुलाई २०१७
अबूज़ा