तू मिल कर भी
ना मिला मुझे
मैं मिले बिना भी
तेरा हो गया
तू ना समझा
कोई बात मेरी
मैं तेरे एक इशारे को
दिल से लगा बैठा
तू दिल्लगी करता रहा
मैं दिल लगा बैठा तुझसे
तू अपनी मंज़िल
की तरफ़ बढ़ गया
मैं उसी राह में
तेरे इंतज़ार में बैठा रहा
तू मिल कर भी
ना मिला मुझसे
२२ दिसंबर २०२०
दिल्ली