ना कर मुझ से बात
ख़्वाबों ख़यालों की
देखा है बिखरते हुए कई बार इन्हें
ना कर मुझ से बात
रिश्तों और वादों की
देखा है टूटते हुए कई बार इन्हें
ना कर मुझ से बात
शमां और परवानों की
देखा है जल कर बुझते कई बार इन्हें
ना कर मुझ से बात
सब्रों क़रार की
देखा है टूटते हुए कई बार इन्हें
ना कर बात मुझसे
इश्क़ और आशिक़ों की
देखा है बनते हुए अफ़साने कई कर इन्हें
ना कर मुझ से बात
२३ अप्रेल २०१७
लुसान