शिकवे गिले मिटा कर कभी मिलो हमसे
जो मुस्कुराता चेहरा बसा है ज़हन में
उसी मुस्कुराहट के साथ कभी
मिलो हम से
दिल की बातें करने को
कभी मिलो हमसे
नज़रों को हमारी पढ़ने के लिए
कभी मिलो हमसे
सुनहरी यादों को ताज़ा करने को
कभी मिलो हमसे
ख़्वाबों को हक़ीक़त बनाने को
कभी मिलो हमसे
हो गयी थी जिससे पहली नज़र में मोहब्बत
वो ही प्यार बन कर
कभी मिलो हमसे
२२ सितम्बर २०१७
इस्तांबुल