बसी है ख़ुशबू जिस की ज़हन में मेरे, क्या तुम ही हो
आती हो जो रोज़ ख़्वाबों में मेरे, क्या तुम ही हो
चुराया है दिल जिस ने मेरा, क्या तुम ही हो
ढूँढती हैं नज़रें जिस को हर चेहरे में, क्या तुम ही हो
बसी है जिस कि तस्वीर आँखों में मेरी, क्या तुम ही हो
सुनाई देती है जिस के आवाज़ हर घड़ी, क्या तुम ही हो
होती है जो हर पल मेरे आस पास, क्या तुम ही हो
जाने अनजाने जुड़ गयी है ज़िंदगी जिस के साथ,
क्या तुम ही हो
२७ दिसम्बर २०१६
डिब्रूगढ़
A beautiful song by Sweety Lekharu. Special thanks to Dr. Sagar, Dr. Daisy & Raj Kr. Punni.