पढ़ाई में इतनी होनहार, आज उसके 12 वी के रिजल्ट आने पर जैसे पूरे घर में इतने खुशी का माहौल छा गया, जैसे कोई जश्न का माहौल हो, और देखा जाए तो एक तरह से जश्न हीं तो है , क्योंकि स्वाति ने आज पूरे डिस्टिक में 96% लाकर अव्वल जो आई।
इतनी चंचल, पढ़ाई में इतनी होशियार और घर में सब की लाडली थी वो.......
स्वाति का बचपन से सपना डॉक्टर बनने का था ,और आज स्वाति ने 12वीं कक्षा में पूरे 96% लाकर गर्व से सब का सिर ऊंचा कर दिया, अब स्वाति के पिताजी ने स्वाति को आगे की पढ़ाई करने के लिए नेट की कोचिंग के लिए बाहर शहर में पढ़ाई के लिए भेजा, और स्वाति ने एक ही साल में निट की परीक्षा क्लियर करके एक अच्छे कॉलेज में दाखिला ले लिया, और जहां वह डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए चली गई।
अपनी आगे की पढ़ाई को लेकर वह बहुत खुश थी, उसका सपना था कि वह पढ़ लिख कर एक अच्छी डॉक्टर बने और गरीबों का निशुल्क इलाज करें, आखिरकार वो दिन आ ही गया जब स्वाति डॉक्टर की पढ़ाई करने के लिए जाती है,
शुरू शुरू में सब कुछ अच्छा चल रहा होता है, स्वाति अपनी पढ़ाई में दिन-रात लगी रहती, और उसे ऐसा देखकर उसके हॉस्टल और इसके रूम में जो लड़कियां उसके साथ थी, उन्हें स्वाति का इतना पढ़ाई करना अच्छा नहीं लगता, और वे लोग स्वाति को परेशान करने का कोई भी मौका ना छोड़ती, कभी स्वाति का बैग छिपा देती, तो कभी स्वाति का सामान दूसरे रूम में रख देती।
एक दिन परेशान होकर स्वाति ने उन तीनों लड़कियों की शिकायत प्रिंसिपल सर से जाकर कर दी, प्रिंसिपल सर ने उन तीनों लड़कियों को खूब डांटा और वार्निंग दी कि दोबारा यदि ऐसा करा तो तुम्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा, वह तीनों लड़कियों को स्वाति की यह बात बिल्कुल भी पसंद न आई और उन्होंने स्वाति से बदला लेने का सोचा, स्वाति को जरा भी अंदाजा नहीं था कि वे तीनों लड़कियां उससे बदला लेने की सोच रही है, वह पहले की ही तरह अपनी पढ़ाई में लीन रहने लगी।
एक दिन स्वाति की तबीयत ठीक नहीं होने के कारण स्वाति उस दिन कॉलेज नहीं गई, तब यह बात उन तीनों लड़कियों को पता चलती है कि स्वाति आज हॉस्टल में ही है, कॉलेज नहीं गई,
वे तीनों लड़कियां कहती क्यों ना हम आज स्वाति से हम अपनी बेइज्जती का बदला ले, तीनों स्वाति के पास जाकर स्वाति से कहती है, चलो स्वाति हम लोग छत से थोड़ा टहल कर आते हैं, तुम्हें भी थोड़ा अच्छा लगेगा, स्वाति उन लोगों की बात में आकर ,उनके साथ छत पर चली जाती है, जैसे वे सब छत पर पहुंचते हैं, वे तीनों लड़कियां छत पर बने एक अंधेरे स्टोर रूम में स्वाति को बंद कर देती है ,और वे वहां से भाग जाती है।
स्वाति बहुत आवाज लगाती है, चिल्लाती है, लेकिन किसी को भी स्वाति की आवाज सुनाई नहीं देती, वह तीनों लड़कियां स्वाति को बंद कर इस बात को भूल जाती है कि उन्होंने ऊपर छत पर स्टोर रूम में स्वाति को बंद कर दिया है, और उधर स्वाति डर के कारण घबरा जाती है, और उसकी मौत हो जाती है।
शाम को अचानक उन लड़कियों को याद आता है कि हमने तो स्वाति को अंधेरे कमरे में बंद किया है, और उसे बाहर निकालना तो भूल ही गए, तभी घबराकर वे छत पर दौड़ लगाकर जाती है, और दरवाजा खोलती है तो स्वाति मरी हुई पड़ी रहती है, तब वे तीनों घबरा जाती है और अपने गुनाह को छुपाने के लिए साजिश रचती है, कि हम लोग स्वाति की बॉडी को यहीं रहने देते, और सबको जाकर इसकी खबर दे देते है, कि स्वाति की बॉडी छत के कमरे में पड़ी है।
वे तीनों नीचे स्वाति....स्वाति.... चिल्लाकर और झूठे आंसू बहा कर सबको बताती है कि ऊपर छत पर हम घूमने गए तो वहां देखा कि उस अंधेरे कमरे में स्वाति की बॉडी पड़ी हुई है, सभी लोग छत पर जाते हैं और स्वाति को इस हालत में देख उसे उठाकर हॉस्पिटल ले जाते और वहां पता चलता है कि दम घुटने के कारण स्वाति की मौत हुई है,
लेकिन सवाल यह है कि आखिर स्वाति उस अंधेरे कमरे में क्यों गई???
पुलिस की छानबीन से भी कुछ पता नहीं चलता और आखिर स्वाति का केस कुछ दिनों में बंद हो जाता है, और स्वाति को इंसाफ नहीं मिलता, जिससे स्वाति की आत्मा भटकती रहती है, और संतुष्ट भी नहीं रहती, क्योंकि स्वाति उन तीनों लड़कियों का सच सबके सामने लाना चाहती थी, यही सोचते हुए एक दिन उदास सी स्वाति की आत्मा भटक रही थी, तभी कायरा की नजर स्वाति पर पड़ती, और कायरा स्वाति के पास जाकर पूछती है, क्या हुआ स्वाति ????
तुम इतनी उदास क्यों हो?????
तब स्वाति हैरानी भरी निगाहों से कायरा की ओर देखकर बोलती है, क्या तुम मुझे देख सकते हो?????
तब कायरा कहती है बिल्कुल , मैं तुम्हें देख सकती हूं.....
तुम इतनी परेशान क्यों हो????? तब स्वाति कायरा को बताती है कि कैसे उसके हॉस्टल की लड़कियों ने उसके साथ भद्दा मजाक किया, जिससे मेरी मौत हो गई, और अब मुझे इंसाफ चाहिए, मैं उन तीनों लड़कियों का गुनाह सबके सामने लाना चाहती हूं, उन्होंने मुझे छत पर बने अंधेरे कमरे में बंद कर दिया था, जहां दम घुटने से मेरी मौत हो गई।
मेरी आत्मा को शांति नहीं मिल रही है, तब कायरा कहती मैं तुम्हारा साथ दूंगी, और तुम्हें इंसाफ दिलाऊंगी, बस मैं जैसा जैसा तुम्हें बोलती हुं, तुम वैसा ही करती जाओ , और स्वाति कायरा के साथ हॉस्टल चली जाती है।
कायरा, स्वाति से कहती हैं, तुम भयानक रूप लेकर इनके कमरे में जाकर इन्हें डराओ, तब स्वाति ने अपना भयानक रूप लेकर उन लड़कियों को डराती है, वह तीनों लड़कियां भूत भूत बोलकर दौड़कर कमरे से बाहर आती हैं, तब सभी लोग जाकर वहां देखते हैं तो कोई नहीं रहता।
इस प्रकार स्वाति रोज उनको डराने लगी, और वे तीनों एक दिन छत की ओर भागती है, और उस अंधेरे कमरे में जाकर छुप जाती, तब स्वाति कहती तुम तीनों ने जो मेरे साथ किया, अब मैं वही तुम लोगों के साथ करूंगी, तभी तीनों लड़कियां स्वाति से माफी मांगती और कहती है कि हम तुम्हें कमरे में बंद करके कमरा खोलना भूल गए थे, हम तुम्हें मारना नहीं चाहते थे,
तब स्वाति कहती है कि यही बात तुम लोगों को जाकर बताओ, तब वह लड़कियां मजबूर हो जाती है और सारी बातें जाकर पुलिस और प्रिंसिपल के सामने बताती हैं, जिससे तीनों लड़कियों को कॉलेज से निकाल दिया जाता है, और ऐसे गंभीर अपराध के लिए उन तीनों लड़कियों को जेल भेजा जाता है, और स्वाति को इंसाफ मिलता हैं,
स्वाति, कायरा से कहती है, अगर तुम ना होती तो मुझे कभी इंसाफ नहीं मिलता, और मेरी आत्मा भटकती रहती, यह सब तुम्हारे कारण ही हो पाया है, कायरा इन लोगों के एक मजाक से मेरी जान चली गईं, कहते हुए स्वाति अपने लोक में चली गई,
कायरा के मन में भी सुकून था कि स्वाति को इंसाफ मिल गया, अब कायरा आगे की और बढ़ती है, अब कायरा किसे इंसाफ दिलाएगी?????????
शेष अगले भाग में......