शादी को दस साल हो गए थे, लेकिन फिर भी निशा जैसे एक सजा की तरह गुज़र रही थी, निशा ऐसा महसूस करती थी, जैसे उसके मायके वालो ने उसे ससुराल नही बल्कि जेल भेजा हो, आज निशा कि शादी कि सालगिरह थी, निशा आज अपने पति प्रथम के लिए बहुत अच्छे से तैयार हुई थी, निशा तैयार होकर शरमाते हुए अपने पति के पास गईं, सोचते हुए कि आज तो प्रथम मेरी बहुत तारीफ करेगे, पर ऐसा कुछ नही हुआ।
निशा का पति प्रथम झल्लाकर कहता है, यह क्या बना रखा है, तब निशा प्रथम से कहती है, भूल गए क्या जी आज हमारी शादी कि सालगिरह है????आज आपके लिए ही मैंने नई साड़ी पहनी है,
प्रथम कहता है, तुम कुछ भी पहन लो, मुझे कभी तुम अच्छी नहीं लग सकती, आज मेरे लिए मेरी मुसीबत का दिन है, जो मेरी शादी तुमसे हुई, ना तो मैं शादी के दिन खुश था, और ना तो अब हुं, तुम्हारी वजह से मेरी शादी मेरी पसंद कि लड़की से नहीं हुई थी, मैने तुमसे सिर्फ अपने मां पिताजी के कहने पर शादी कि थी, और मुझे आज तक यह बात समझ नही आई, उन्होंने क्या देखा तुम्हारे अंदर।
निशा यह सब सुनकर रोते हुए अपने कमरे में चले गई, वह बहुत रो रही थी, तभी निशा का छोटा बेटा प्रिंस वहां आता हैं, वह देखता है कि मम्मी रो रही है, यह देख वो अपने पापा के पास जाता है, और कहता है पापा मम्मी रो रही है, चलो ना उनको चुप कराओ, प्रथम अपने बेटे से कहता है, तो क्या करूं, मुझे और भी काम है, तुम जाओ अपनी पढ़ाई करो मम्मी कि तो आदत ही है रोने की।
निशा का पति प्रथम अकसर शराब पीकर आता है, और उसके बाद किसी भी बात पर निशा को बहुत मारता है, आज प्रथम शराब पीकर ज्यादा नशे की वजह से सड़क पे गिर गया,
प्रथम का दोस्त अभिनव प्रथम को उसके घर लाया, राहुल के दोस्त अभिनव ने जैसे ही प्रथम को उसके घर लाया वो निशा को गाली देने लगा, निशा के आंख में आसू आ गये, निशा यह सोचने लगी की पहले तो प्रथम मुझे अकेले में गाली देते थे, आज अपने दोस्त के सामने मुझे गाली दे रहें हैं।
प्रथम, निशा से कहता है, पानी लेकर आओ, निशा जैसे ही पानी लाती है, प्रथम गिलास उठा कर फेक देता है, कहता है, देर कैसे हुई पानी लाने में???और इतनी सी बात पर निशा को मारने के लिए हाथ उठाया, तभी राहुल का दोस्त अभिनव हाथ रोक लेता है।
अभिनव निशा से कहता है, रो मत सब ठीक हो जायेगा, इस बात पर निशा कहती है आदत हो गई है, यह सब झेलने कि, दो बच्चे हो चुके है मेरे, इसलिए अब तलाक भी नही ले सकती,
अभिनव घर जाकर निशा के बारे में सोच रहा था, इतनी प्यारी लड़की पर क़िस्मत देखो कितनी खराब है, जो एक शराबी के साथ इसकी शादी हुई, एक उत्सव का दिन था, प्रथम ने अभिनव को अपने घर बुलाया था, अभिनव प्रथम के घर गया, निशा के हाथ का बना खाना खाया,और निशा की बहुत तारीफ करने लगा, अपने पति कि नफरत और एक अजनबी का प्यार और इज्ज़त पाकर निशा बहुत खुश थीं।
निशा भी अब कभी कभी अभिनव के बारे में सोचकर मुस्कुरा देती, अभिनव जब भी निशा के घर आता, निशा को अच्छा लगता।
निशा एक दिन अभिनव से पूछती, आपकी शादी नही हुई अभी तक???? काफी लेट हो गया न अब तक हो जाना चाहिए थी, अभिनव ने कहा मेरे मां पिताजी कि तबियत ठीक नहीं थी, उसके बाद मां का निधन हो गया, फिर कुछ सालों में पिताजी का भी निधन हो गया,और मेरा कोई भाई बहन नही है जो शादी करा सके मेरी ।
अभिनव से निशा से कहती है, आप खुद क्यों नही किसी को पसंद कर लेते है??? तब अभिनव निशा से कहता है, यह धोखे का जमाना चल रहा डर लगता है मुझे, कही कोई मेरा प्यार भरा दिल न तोड़ दे।
अभिनव और निशा कि अब बहुत बाते होने लगी, कॉल पे दोनो बहुत बातें करते, और दोनो बाहर घूमने भी जाते, दोनों को एक दुसरे से प्यार हो जाता, दोनो मजे से अपनी लाइफ जी रहे थे, अभिनव जब भी निशा से शादी कि बात करता, निशा डर जाती, यही कहती मेरी हिम्मत नही,लोग क्या कहेंगे????बच्चे कहां रहेगे???
अभिनव निशा से कहता, देखो निशा लोगो कि परवाह मत करो तुम, अपनी खुशी देखो और रही बात बच्चो कि वो मेरे साथ रहेंगे, वैसे भी तुम्हें तो प्रथम प्यार नहीं करता, फिर क्यों इस झूठे रिश्ते में रह रही हो,
निशा हम दोनो शादी करके बहुत खुश रहेंगे, मैं तुम्हे इस नर्क से निकालना चाहता हुं, बस तुम हिम्मत करके मेरा साथ दे दो, अभिनव कहता है मुझे दुनिया से कोई फर्क नहीं पडता है, मुझे अपनी ज़िंदगी सिर्फ तुम्हारे साथ ही बितानी है,
निशा, अभिनव से कहती है, अभिनव कही तुम मुझसे मजाक तो नही कर रहे हो???
अभिनव, निशा से कहता है, निशा मैं तुम्हारे लिए अपनी जान भी दे सकता हूं, क्या तुम्हें तब मुझ पर यकीन होगा? तब निशा, अभिनव के गले लगकर रोने लगती है, और कहती अभिनव मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं।
प्रथम को निशा और अभिनव के बारे में पता चल जाता है, उसका गुस्सा तो जैसे सातवे आसमान पर पहुंच गया, प्रथम घर आकार काजल को बहुत मारता है, और वह अपने दोस्त अभिनव को भी बहुत खरी खोटी सुनाता है, और उसे जान से मारने की धमकी भी देता है,
प्रथम, निशा के साथ बहुत बुरा बर्ताव करता है, निशा से उसका फोन भी छीन लेता है, और दिन-रात निशा को प्रताड़ित करता है, और अभिनव और निशा का रिश्ता वह बर्दाश्त नहीं कर पाता है, उसे लगाता हैं कि उन दोनों ने उसे धोखा दिया हैं,
प्रथम, निशा को जान से मारने की ठान लेता है, जब उसके दोनों बच्चे रात्रि में सोए रहते तो, वह निशा से कहता है कि मुझे कहीं जाना है, कुछ काम है, तुम भी मेरे साथ चलो, तब निशा इस बात पर पूछती है कि आखिर कहां लेकर जा रहे हो मुझे ??????
तब प्रथम कहता है कि तुम चुपचाप अपना मुंह बंद करके मेरे साथ चलो, प्रथम उसे एक घने जंगल की ओर ले जाता है, और अपने साथ में केरोसिन भी लेकर जाता है।
जैसे ही वो घने जंगल में जाते हैं, निशा घबरा जाती हैं, निशा प्रथम से कुछ बोल पाए, उतने में वह निशा के ऊपर केरोसिन छिड़कता है, और जैसे ही माचिस की तीली जलाता है, वहां पर अचानक कायरा आ जाती है, और यह सब देखकर वह प्रथम को अपनी शक्ति के अनुसार तड़पाने लगती है, जिससे वह निशा को जलाना चाहता था, वहीं अनुभव वह प्रथम को कराती है ,और वह केरोसिन जाकर प्रथम के ऊपर गिर जाता है, और अपने आप उसे आग लग जाती है, और वह तड़प तड़प कर जलकर वही उसकी मृत्यु हो जाती है।
तब निशा रो रो कर अपनी सारी बातें कायरा को बताती हैं, तब कायरा कहती कि मुझसे कुछ नहीं छिपा है निशा, तुम अभिनव के साथ विवाह कर लो, वह तुम्हें बहुत खुश रखेगा और जिंदगी की सारी खुशियां देगा।
कायरा खुशी-खुशी, अभिनव और निशा का विवाह करवा देती है, और अभिनव भी निशा को बहुत खुश रखता है, और उसके दोनों बच्चों को अपने बच्चों के जैसा प्यार करता है, अब निशा की जिंदगी में केवल खुशियां ही खुशियां थी, और उसके बच्चों को भी पिता का प्यार मिलने लगा।
अब कायरा किसे न्याय दिलाएगी?????
और कायरा का अगला कदम क्या होगा????
शेष अगले भाग में......