अभय एक बहुत ही बिगड़े स्वभाव का लड़का, बड़ों का सम्मान ना करना, गाली गलौज, गुस्सा नशा यह सब करना तो जैसे उसकी आदत सी बन गई थी, कभी-कभी तो इतना नशा कर लेता था कि, किसे क्या बोल रहा है, यह भी उसको याद नहीं रहता, होश आने पर उसे इसका थोड़ा सा भी अफसोस ना रहता ,
रोज रात घर देर से आना, दोस्तों के साथ हमेशा पार्टी करना, अब जैसे यह सब तो रोज-रोज का हो गया था, उसके इस व्यवहार से उसकी मां बीणा देवी और उसके पिताजी मोहित शर्मा उसकी ऐसी हरकतें देखकर बहुत परेशान हुआ करते, मानो उसके इस बर्ताव से वे लोग समाज में कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं थे।
घर में किसी चीज की कमी नहीं थी, धन दौलत की कोई कमी नहीं थी, और नौकर चाकर तो इतने थे, कि बस एक इशारा करने पर उनके सामने हाजिर हो जाते थे, और उनकी जमीन और व्यापार अलग-अलग शहरों में फैला हुआ था, लेकिन फिर भी मोहित शर्मा हमेशा चिंतित और परेशान ही रहते थे, क्योंकि अभय उनकी एकलौती संतान थी,
शादी के कई सालों तक उनकी कोई संतान नहीं हुई थी, जिसने जैसे कहा, उन्होंने संतान प्राप्ति के लिए वैसे ही किया,
डॉक्टरी इलाज से थक हार कर आख़िर कार उन्होंने बहुत से मंदिरों, तीर्थ स्थानो पर मन्नतें मांगी,
आखिरकार एक दिन उनके घर अभय का जन्म हुआ, लेकिन एक दिन वह इतना बिगड़ जाएगा, उन्होंने कभी नहीं सोचा था।
दिन-रात उन्हें सिर्फ अभय की ही चिंता सताती , अभय की मां बीणा देवी अभय के इस बर्ताव से बहुत परेशान रहती थी, और उन्होंने अभय को कई बार समझाने की कोशिश भी की, लेकिन वो तो जैसे किसी की बात समझने को तैयार ही नहीं था, बल्कि वह बीणा देवी को जवाब दे निकल जाता था, बीणा देवी अभय के इस बर्ताव से आंसू बहाते रहती,
इसी दौरान बीणा देवी ने यह सारी बात अपनी बहन को बताई, वैसे तो अभय की हरकत किसी भी रिश्तेदारों से छिपी नहीं थी, और समाज में भी धीरे-धीरे बहुत से लोगों को अभय की हरकतों के बारे में पता भी था, तब बीणा देवी की बहन ने बिना देरी किए कहा कि अभय की शादी करवा दो, शादी हो जाने के बाद अभय सुधर सकता है, तब बीणा देवी कहती कि यह प्रस्ताव अच्छा है, लेकिन अभय के व्यवहार के बारे में सभी को पता है, कौन अपनी बेटी जानबूझकर ऐसे नरक में ढकलेगा,
तब बीणा देवी की बहन कहती है, कि मेरे गांव में एक गरीब परिवार है,
माधवलाल.......जिनकी तीन बेटियां हैं, और तीनों बेटियां उनकी बहुत ही सुंदर, संस्कारी और साथ ही साथ ज्ञानवान है, जिसमें से उनकी सबसे बड़ी बेटी दिव्या तो जैसे साक्षात देवी का रूप हैं, इतनी सुंदर कि जो भी उसे एक बार देख ले तो बस देखते ही रह जाए, तुम चाहो तो मैं दिव्या के लिए अभय की बात चलाऊं??
तभी बीणा देवी कहती है, कि एक बार इस बारे में मैं अभय के पिता जी से बात कर लेती हुं, उनका जो भी फैसला होगा, मैं तुम्हें बता दुंगी,
तब बीणा देवी ने सारी बातें जाकर मोहित शर्मा (अभय के पिताजी) को बताई, तो वह गुस्से में आकर तमतमाते हुए बीणा देवी से बोले, तुम क्यों जानबूझकर किसी लड़की की जिंदगी बर्बाद करना चाहती हो, जबकि तुम्हें पता है कि तुम्हारा बेटा कैसा है????फिर भी तुम यह सब कुछ क्यों जानबूझकर करना चाहती हो???
तब बीणा देवी ने अभय के पिताजी को समझाते हुए कहा कि एक बार अगर अभय की शादी हो गई तो वह पूरी तरीके से सुधर जाएगा, और उन्हें बहुत समझाया, तब मोहित शर्मा भी इस प्रस्ताव के लिए मान गए, लेकिन अभय इस शादी के लिए साफ-साफ मना कर देता है, और कहता हैं कि मुझे यह शादी नहीं करनी है, तब अभय के पिताजी ने उसे डांट फटकार लगाकर कहा, अगर तुने इस शादी के लिए हां नहीं कहा, तो तुझे घर से निकाल दिया जाएगा, और इस जायदाद में से तुम्हें फूटी कौड़ी भी ना मिलेगी, यह सुनकर अभय शादी के लिए हामी भर देता है, बीणा देवी अपनी बहन से अभय की शादी की बात चलाने के लिए कहती है।
उधर माधवराव और उनकी पत्नी तो सिर्फ़ यह सोच कर खुश हुए जा रहे थे कि, कितने बड़े घर से उनकी बेटी दिव्या के लिए रिश्ता आया है, तो वह शादी के लिए इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेते हैं, बिना यह जाने कि लड़का कैसा हैं???और उसका स्वभाव कैसा है????
वह तो बस यह सोच कर ही खुश थे कि उनकी बेटी के लिए इतने बड़े घर से रिश्ता आया हैं, और उनकी बेटी की शादी इतने बड़े घर में होने वाली है, और जबकि रिश्ता सामने से चलकर खुद आया है तो वह मना नहीं कर पाए, क्योंकि माधवराव ने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि उनकी बेटी के लिए इतने बड़े घर से कभी रिश्ता आएगा।
आखिरकार वो दिन आ ही गया, जब अभय और दिव्या की शादी होती हैं, अभय को तो पहले से ही शादी का यह प्रस्ताव मंजूर नहीं था, और ना ही अभय को दिव्या से कोई लगाव था, उसने तो केवल अपने पिताजी के कहने पर ही दिव्या से यह विवाह किया था, जब दिव्या उस घर में बहु बनकर जाती हैं तो, उसे अभय का बरताव अपने प्रति कुछ अजीब सा लगता हैं, लेकिन वो किसी से कुछ पूछती हैं ना कुछ बोलती हैं,
अभय ना तो दिव्या के साथ उस कमरे में रहता था , और जब तक दिव्या उस कमरे में रहती थी, तो वह उस कमरे में जाता तक नहीं था, उसका रोज रात देरी से घर आना, नशा करना, यह सब जारी ही था, यह सब देख दिव्या हैरान थी,
धीरे-धीरे समय बीतता गया, लेकिन अभय के व्यवहार में कोई भी परिवर्तन नहीं आया, अभय के माता-पिता को लगता था कि शादी के बाद अभय सुधर जाएगा, लेकिन अभय को देखकर बिल्कुल भी नहीं लगता था कि वह शायद सुधर पायेगा, और इन सब बुरी आदतों को छोड़ देगा, उसके माता-पिता ने उसे बहुत समझाने की कोशिश भी की, लेकिन वह कहां किसी की सुनने वाला था.....
आखिर अभय आगे क्या करेगा??????
क्या वह दिव्या के साथ एक शादीशुदा जिंदगी की शुरुवात कर पाएगा ??????
या उसने इस शादी के लिए कुछ और ही सोच कर हामी भरी थी??????
शेष अगले भाग में.........