देखकर तो लगता है, कि किसी बड़े घर की बहू या बेटी होगी........
लेकिन यहां कैसे????? और इस हाल में कैसे?????
देख कर ऐसा लगता है जैसे किसी ऊंचाई से अचानक किसी कारणवश धोखे से गिर गई होगी, लेकिन नसीब भी कोई चीज होती है, पानी की थाप जो अच्छे अच्छों की जान निकाल दे, आज उसी ने इनके प्राण बचाये हैं, शायद गिरते समय इस तरह से गिरी होगी कि पानी में इसे उछाल ने ऊपर ला दिया होगा, और वह बहकर बाहर आ गई, लेकिन किसी सदमे के कारण शायद उभरने में थोड़ा समय लगे, कहते हुए लोग आपस में बात कर रहे थे।
तरह-तरह की संकाय सब के दिल में थी, और मन में सवाल भी???किसी के मन में दया का भाव था, तो किसी के मन में क्रोध मिश्रित मन के सवाल......
जैसे तैसे अंत में सभी ने मिलकर उस लड़की को हॉस्पिटल पहुंचाया और उसके मिलने की सूचना पास ही के थाना प्रभारी को दिए।
थोड़ा होश आने पर उस लड़की ने अपना नाम सुचिता बताया, बमुश्किल अपना पता बताने और घूमने आने का कह कर और किसी घटना को याद कर फिर वह सदमे के साथ बेहोश हो गई, बताए हुए पते पर संपर्क करने पर पता चला कि इस घर के बहू बेटे कहीं घूमने गए हैं, लेकिन कहां गए, वह नहीं बताया।
बड़े आश्चर्य की बात है कि बिना जगह बताएं एक नवविवाहित जोड़े का घर से निकलना, और फ़िर अनजान जगह पर और फिर अचानक उस नवविवाहित दुल्हन का पहाड़ों की तलहटी में मिलना, जिसकी सूचना परिवार वालों को बेटो से नहीं बल्कि पुलिस वालों के द्वारा मिलती है, मतलब साफ हैं कि दाल में कुछ काला है, या पूरी दाल ही काली है, लेकिन चिंता इस बात की है कि बहू यहां है, और बेटा कहां गया????
और सब लोगों के बीच दुल्हन की चिंता छोड़ लड़के की खोजबीन का विषय गरमा गया, और सब ने दोस्ती यारी और रिश्तेदारी में टेलीग्राम और अन्य संदेश का इस्तेमाल करना शुरू किया,
बड़ी मुश्किल से यह जान पड़ा कि सुकेश अपने दोस्तों के साथ एक फार्म हाउस में गया हैं, लेकिन खुद उसके दोस्त भी इस बात से अनजान थे कि वह घर से अपनी दुल्हन के साथ निकला था, और उसके गुम होने की खबर अब तक उसने सब से छुपा रखी थी, आखिर क्यों????????
पूछने पर वह रोते हुए बताने लगा कि जब हम साथ में घूम रहे थे, तब अचानक किसी बात पर नाराज हो कर सुचिता ने जाने का कह कर चली गई, यह कहते हुए कि अब तुम अकेले ही घर चले आना, मैं पढ़ी-लिखी और सक्षम हूं, मैं खुद घर चले जाऊंगी और कहते हुए चली गई और इसके बाद उसे कुछ पता नही, और तब मैं भी वहां से गुस्से में आ गया।
उसे पता था, सुचिता पढ़ी-लिखी और गुस्से में है तो क्या हुआ, उस जगह से भलीभांति परिचित हैं, इसलिए उसने खोज बिन नही की, कहने को तो यह यह स्टेटमेंट उसके द्वारा दिया जा रहा था, लेकिन उसकी बात पर सिर्फ दिखावे पर भरोसा किया जा सकता था, हर कोई उसे साफ तौर पर झूठ कहने से नहीं चूकता, क्योंकि बात ही ऐसी थी,
एक नवविवाहित जोड़ा बिछड़ गया और बिना किसी शिकायत के और खोजबीन और रिपोर्ट के वह आकर दोस्त के फार्म हाउस पर आकर मौज करने लगा, यह कुछ ठीक ना जान पड़ता।
बड़े घर का बेटा है, इसका मतलब यह भी तो नहीं कि उसके हर बात का विश्वास करे, जबरदस्ती जांच को आगे बढ़ा दिया गया, इधर सुचिता कोमा में चले जाने पर ससुराल वालों ने साथ ले जाने से मना कर दिया, लेकिन उसके मां-बाप उसे मरने के लिए यूं ही छोड़ तो नहीं सकते थे, वह अपनी बेटी को अपने नैनीहाल ले आए और कोशिश करने लगे कि वह जल्द से ठीक हो जाए, उधर कुछ सबूत न मिलने पर सुकेश का कुछ नहीं हुआ और ना ही सुचिता की ऐसी हालत देख उसको कोई फर्क पड़ा।
वह तो अपने दोस्तों के साथ अपनी मौज मस्ती में लगा हुआ था।
उधर सुचिता तो कोमा में थी, लेकिन वह सब की बातें सुन सकती थी, बस कोई हलचल ना कर पाती, और ना ही सुकेश की सच्चाई का पता किसी को बता पा रही थी, तभी एक शक्ति के आभामंडल से सुचिता का कनेक्शन होता है,
और वह कोई और नहीं कायरा ही है, तब सुचिता कायरा को बताती है , कि कैसे सुकेश ने प्यार के नाम पर मुझे घुमाने के लिए ले गया और जब हम लोग वहां घूम रहे थे तब पता नहीं लेकिन उसने मुझे पीछे से धक्का दे दिया, और मैं कुछ सोच या समझ पाती,उसके पहले झरने में जा गिरी।
इतने ऊपर से गिरने के बाद पानी के तेज बहाव में बह कर मैं पानी के किनारे पर आ गई और गांव वालों की मदद से मैं बच गई, लेकिन कोमा में होने के कारण मैं अपने पति की सच्चाई किसी को नहीं बता पा रही हूं, उसने मेरे बारे में सब कुछ झूठ बोलकर, और वह आज देखो कैसे निडर होकर घूम रहा है ,
तब कायरा सुचिता से कहती हैं, अब तुम सब कुछ मुझ पर छोड़ दो, तुम्हें न्याय जरूर मिलेगा, कहते हुए कायरा वहां से चली गई,
एक दिन अचानक खबर आई थी कि सुकेश की पानी में डूबने से मौत हो गई हैं, लेकिन कैसे??????
पुलिस ने भी बहुत पता करने की कोशिश की पर कोई सुराग न मिला कि आखिर सुकेश की मौत कैसे हुई?????
इधर धीरे-धीरे सुचिता भी ठीक होने लगी थी, और उसे भी सुकेश की मौत का पता चलता, वह भी जानना चाहती कि आखिर सुकेश की मौत कैसे हुई?????
लेकिन कुछ ना कुछ तो वह जान चुकी थी कि यह सब कायरा ने किया होगा,
वह मन ही मन कायरा को याद करने लगी, तभी कायरा, सुचिता के सामने प्रकट होती, कायरा मुस्कुराते हुए सुचिता से कहती क्या बात है सुचिता???? क्यों बुलाया तुमने मुझे??? तब सुचिता, कायरा से कहती कि सुकेश की मौत कैसे हुई है??मुझे जानना है????
तब कायरा बताती है, एक दिन सुकेश अपने दोस्तों के साथ उसी जगह घूमने गया था, जहां वह तुम्हें लेकर गया था, और तभी मैं वही दूर बैठी सुकेश को देखी जा रही थी, और आकर्षण वस वह भी मुझे देखे जा रहा था, तब उसके दोस्तों ने कहा, काफी टाइम हो गया है, अब हमें घर चलना चाहिए।
तब सुकेश ने अपने दोस्तों से कहा कि मुझे यहां कुछ काम हैं, तुम सब घर जाओ, मैं अपना काम खत्म करके आ जाऊंगा, उसके दोस्त चले जाते और वह मेरे पास आकर कहता है, हेलो ब्यूटीफुल.......
मैं काफी समय से देख रहा हूं, तुम मुझे ही देखे जा रही हो, तब मैंने सुकेश से कहा, बिल्कुल मुझे तुमसे बहुत जरूरी काम है,
जरूरी काम........ सुकेश ने चौकते हुए कहा।
हां जरूरी काम, कहते हुए मैंने सुकेश को झरने के करीब लाया, और उसे याद दिलाया कि कैसे प्यार के नाम पर उसने अपनी पत्नी को यहां घुमाने लाया था, और उसे यहां से धक्का देकर गिरा दिया।
तब सुकेश का चेहरा पसीना पसीना हो जाता है, और वह मुझसे पूछता है कि तुम्हें यह सब कैसे पता???? और कौन हो तुम??????
मैं जा रहा हूं, तब मैने सुकेश से कहा.... मैं तुम्हारी मौत हूं.....
और जब तुम्हें सुचिता पसंद ही नहीं थी, तो तुमने उससे शादी ही क्यों की????
मैं कायरा , बोलते हुए जोर से फूंक मारी, और सुकेश बहते हुए झरने में जा गिरा, जिससे पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई।
यह सुन सुचिता बहुत खुश होती है, और इधर ठीक होने पर सबको सुकेश की सच्चाई भी बता देती है, और कायरा के द्वारा उसका बदला भी पूरा हो जाता ,और वह एक नए सिरे से अपनी जिंदगी जीने लगती है।
इस प्रकार कायरा ने सुचिता को इंसाफ दिलाया, अब आगे कायरा किसे इंसाफ दिलाती है??????
शेष अगले भाग में.........