...चर्चास्पद यौन उत्पीडन
और बलात्कार मामले की पैरवी के लिए आसाराम के पक्ष में देश के 14 बड़े वकीलों का
पैनल खड़ा था और उस बच्ची के पक्ष में सिर्फ़ एक सरकारी वक़ील और एक सरकारी जाँच
अधिकारी । ....लेकिन एक सरकारी वक़ील ने
सरकारी जाँच अधिकारी की जाँच रिपोर्ट के आधार पर बनी चार्जशीट, के आधार पर देश के बड़े बड़े नामी
14 वकीलों के पैनल को हराकर ध्वस्त कर दिया !!!
...क्या इन सरकारी वक़ील
और जाँच अधिकारी को प्रलोभन या धमकी नहीं मिली होगी ? ज़रूर मिली होगी.... लेकिन ये सरकारी लोग न तो डरे और ना ही
बिके.. !!!
.....तो कहने का मतलब यह
है कि हर सरकारी आदमी या सरकारी संस्था भ्रष्ट या निकम्मी नहीं होती...
देश के सबसे अच्छे
अस्पताल का नाम मेदांता नहीं एम्स (AIIMS) है, सबसे अच्छे
इंजीनियरिंग कॉलेज का नाम आईआईटी (IIT) है, सबसे अच्छे मैनेजमेंट कॉलेज का नाम आईआईएम (IIM) है,
देश के सबसे अच्छे विद्यालय केन्द्रीय विद्यालय हैं, देश के एक करोड़ से अधिक लोग अभी या किसी भी वक़्त अपने गंतव्य तक पहुँचने
के लिए सरकारी रेल में बैठे रहते हैं... और इनका संचालन सरकार द्वारा किया जाता है
। नासा को टक्कर देने वाला इसरो (ISRO) को, अम्बानी/अदाणी/टाटा/बिड़ला नहीं, बल्कि सरकार के लोग
चलाते हैं..!!
...अधिकतर सरकारी
संस्थाएँ तो फ़ालतू में ही अधिक बदनाम हैं; अगर इन सारी धरोहर ों को प्राइवेट
हाथों में सौंप दिया जाए तो ये सिर्फ़ लूट खसोट का अड्डा बन जाएँगी..।।
... सरकार को चाहिये कि कर्मचारियों (मजदूरों)
का ध्यान रखे, ज्यादा
प्रोडक्टीविटी मिलेगी (अपवाद तो सब जगह होते हैं) ।
... अभी हाल ही में अन्तर्राष्ट्रीय
मज़दूर दिवस या अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस या मई दिवस (International Labour Day / International
Worker’s Day / May Day) धूमधाम से मनाया गया ।
मज़दूर वह ईकाई हैं जो हर
सफलता का अभिन्न अंग होता हैं, फिर चाहे वो ईंट गारे में सना इन्सान हो या ऑफिस की
फाइल्स के बोझ तले दबा एक कर्मचारी । हर वो इन्सान जो किसी संस्था के लिए काम करता
हैं और बदले में पैसे लेता हैं वो अधिकतर मज़दूर की श्रैणी में ही आता है ।
मज़दूर भाई बहनों का शत-शत
अभिनंदन एवं हार्दिक बधाइयाँ ।
हे पृथ्वी के श्रम देवी-देवताओं मेरा प्रणाम स्वीकार करो ।