एक अनजाने सी जगह की
एक अनजाना सा अंतिम सफर ।
कभी जीवन पथ पर साथ थे तुम
आज हर डगर है अनजाना सा।
हर राहें हैं पथरीली कटीली सी
हर शख्स है अनजाना-अनजाना सा।
दुर्लभ है , जीवन पथ है,बहुत मुश्किल है
जीवन का यह अकेले का संघर्ष ।
मगर इस पथ पर चलते ही जाना है
तन्हा इस अनजाने से सफर पर ।
अनजानी सी राहे ,लंबी रातों सी
दिन पहाड़ों से ऊंचा भारी भारी सा ।
कटे नहीं हर एक पल जीवन का
मुश्किल है हर घड़ी ,दुर्गम कठोर है तेरा दर्द ।
तेरी यादों के शहर में हम हैं अकेले अनजाने
साथ सिर्फ तन्हाई है ,जुदाई है ,तेरी यादों की रहनुमाई है।
जीवन का सुलझा -अनसुलझा डगर
जीने की अनचाही राहें ,अनचाहे फैसले
अनचाहा है जीवन का हर पल
अनचाही है हर पल जीवन की उड़ान ।
समय ,खुशियां, जीवन, मृत्यु का नहीं है
कोई भरोसा , कब वक्त अपना 🎨रंग दिखाये
और मृत्यु अपना खेला
दूर- दूर तक, दर्द😢 भरा बोझिल सा सफर ।
मंजिल का नहीं है कुछ अता- पता
नहीं है कोई स्थायी ठिकाना
बस चलते ही जाना है अनवरत
इस अंतहीन ,अस्थायी जीवन सफर पर ।
धन्यवाद🙏