आंखों में टिमटिमाते है सपने
आसमान के तारों से
रात में नील गगन में
जगमगाते सितारों से
कभी जलते तो कभी बुझते
कभी तेज रोशनी तो कभी मध्यम
सी रोशनी से देखते है यह सितारे
कभी टूटते हुए सितारों की तरह ही
टूटते बिखरते हैं सपने हमारे
कहीं मचलते अरमानों की होली
तो कहीं दिल के जलते
अरमानों की जलती दिवाली
कभी पल में आंखों में बसते
टिमटिमाते सपने तो
तो कभी पल भर में बिखरते हैं ये सपने
तो कहीं सजते है आंखों में सुहाने हसीन सपने
सपने तो सपने ही हैं जो सजते हैं हर आंखों में।
धन्यवाद🙏🏼