खुदगर्जी की मोहब्बत से दूर
रुह बंदगी के करीब
रूहानी मोहब्बत के सफर पे
इश्क में कयामत से कयामत तक।
दिल की गहराई में , प्यार की रोशनाई में
रूह से रूह का मिलन कयानात तक
एहसास की चादर ओढ़े रुहानी इश्क़
पाक रूह के स्पर्श की अलौकिक छुअन का आभास ।
एक अनमोल रिश्ते की रहनुमाई में
चांदनी रात सी रूह की गहराई में
सांसों से सांसों की डोर की है अनगिनत सौगात
जिस्म से परे रूह का रूह से रूमानी प्यार है ।
चेहरे भी नहीं देखता ये रूह का एतबार
गजब का इश्क़ है, रूह से रूह की शाख
ऐसी दीवानगी की अनूठी है बेमिसाल कहानी
जिसकी है दुनिया हर पल दीवानी ।
इश्क़, मोहब्बत, प्यार सब है बंदगी
रूह से रूह का है ये अनोखा सजदा
इश्क़ , इश्क़ होता है, खुदा की है ये
खुदाई
चाहे खुद की बंदगी हो या
फिर खुदा के बंदे से इश्क़।
धन्यवाद🙏