गम कितना भी करें हम
दुनिया से जाने वाले
कभी फिर लौट के नहीं आते
कितनी सूनी- सूनी हो जाती है
दिल की बस्ती
कितनी खामोशी से चले जाते हैं
जाने वाले ,
कभी फिर ना लौट के आने वाले
सारा सबंध धरा का धरा रह जाता है
यहीं पर
साथ छोड़ जाते हैं, साथ निभाने वाले
इक क्षण में
सारा का सारा सब कुछ बदल जाता है
इंसान शव में
शरीर आत्मा में परिवर्तित हो जाता है
जाने वाले तो चले जाते हैं
साथ छोड़कर
मगर जिंदगी की राह में जीने वाला
अकेला खड़ा सोचता रह जाता है
क्या से क्या हो गया
ख्वाब टूट गये
अरमान सजाने वाले चले गये
इक ऐसा जख्म दे गये
कभी न खत्म होने वाले
जिंदगी से जाने वाले
कभी फिर न लौट के आने वाले
धन्यवाद🙏