मरघट सा छाया है हर तरफ
मोहल्ला का मोहल्ला शांत
रास्ते हैं वीरान, सुनसान
इंसान है हैरान परेशान😕
मुश्किलों ने घेरा है
आदमी हर तरफ
अकेला- अकेला है
अस्त-व्यस्त, त्रस्त है जनजीवन
भूख से बेहाल हैं पशु- पक्षी जीव सारे
इंसान लाचार , बेबस, बेजार है आज
इतना कि दया ,मदद करने में भी है खौफज़दा
तड़प-तड़प कर मर रहा है हर तफ इंसान
धरती बन गयी है मौत का शमशान
हर तरफ है छाया मायूसी , उदासी भरा
भयावह आलम ।
धन्यवाद🙏