सदियों से जलता रहा , पिघलता रहा मैं
आंसू बन बहता रहा, गमों की तस्वीर हूँ मैं
तस्वीर के उड़ते रंगों 🎨 की तरह
जिंदगी की उदास 😨 तदवीर हूँ मैं
बिगड़ी हुई जिंदगी की तकदीर हूँ मैं
बिखरते फूलों🌺🌻🌹🌷 की टीस हूँ मैं
गम की नीर हूँ मैं दर्द 😢 की पीर हूँ मैं ।
जी रहे हैं उम्मीदों के चिरागों को जलाये
जैसे बारिश की बूदों 💦 से मिटे धरती की तपन
कब रौशन होगा अपना जहाँ
कब सपनों के गुलशन की तावीर सजेगी
कब अरमानों की खूबसूरत बारात सजेगी ।
धन्यवाद🙏